जानिए मलेरिया के लक्षण, और मलेरिया से कैसे बचे इसका बिधि

 हर वर्ष विश्व भर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में कई ऐसे देश है जहाँ मच्छर के काटने से हो जाता  है | मलेरिया होने वाली जानलेवा बीमारी से लड़ रहे है। दुनिया भर में हर वर्ष लाखों लोग मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी के कारण मृत्यु हो रही है। कुछ लोग इसे नजर अदाज कर देते है जिससे उन्हें काफी बड़ा कमिया भुगतना पड़ता है। जानिए मलेरिया का इतिहास और क्यों मनाया जाता है 

विश्व मलेरिय का इतिहास

मलेरिया सबसे ज्यादा अफ्रीका महाद्वीप में फैलता है। वैसे अब मलेरिया की बीमारी आम हो गया है। मलेरिया प्रोटोजुअन प्लासमोडियम नामक कीटाणु के प्रमुख वाहक मादा एनोफिलीज मच्छर होते हैं जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे तक कीटाणु फैला देते हैं।

मलेरिया दो शब्दों से मिलकर बना है माला+एरिया, जिसका अर्थ होता बुरी हवा। यह बीमारी सबसे पहले चीन में देखी गयी थी जिस दलदली बुखार नाम दिया गया था। क्योंकि यह बीमारी गंदगी से पनपती है। साल 1880 में मलेरिया पर सबसे पहला अध्ययन वैज्ञानिक चार्ल्स लुई अल्फोंस लैवेरिन ने किया।

मलेरिया के लक्षण

मलेरिया के कुछ-कुछ लक्षण कोरोना से मिलते है। यह बीमारी अधिकतर बारिस के मौसम में होती है क्योंकि बारिस के मौसम में गंदा पानी अधिक मात्रा में इकट्ठा होता है। इसके लक्षण- तेज बुखार, सिर दर्द, ठंड लगना, घबराहट होना, हाथ-पैर दर्द होना और शरीर में कमजोरी होने लगता है |

बचाव

बरसात के मौसम में टायरों, गड्डों तथा छतो पर पानी जमा न होने दे। रात्रि में सोते समय मच्छरदानी को उपयोग करें। नियमित रुप से दवाओं का छिड़काव करना चाहिए। आस-पास के स्थानों को साफ-सुथरा रखना चाहिए। लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह ले 

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