जौनपुर।नेवढ़िया थाना के दोदापुर गांव में 17 वर्षों पूर्व गायब भाई को साधु वेश में देखते ही बहन ने पहचान लिया!फिर जानिए क्या हुआ
नेवढ़िया थाना के दोदापुर गांव में 17 वर्षों पूर्व गायब भाई को साधु वेश में देखते ही बहन ने पहचान कर मां बाप को भी बुला लिया।
बेटे को छोड़ने की एवज में साथ चल रहे साधुओं से ढाई लाख रुपए का सौदा भी तय हुआ। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी को थाने लाकर सुलह समझौता कराकर साधु बने भाई को छोड़ दिया इसके बाद साथी साधुओं ने बालक साधु को लेकर फरार हो गए।
भदोही जनपद के औराई थाना क्षेत्र स्थित मेदनीपुर गांव के राजाराम बिंद का पुत्र महेश बिंद 16 वर्ष पूर्व अचानक गायब हो गया था। जिसके बाद उसे कुछ साधुओं ने साधु बना दिया और वह घूम घूम कर भिक्षा मांगने लगा।
महेश बिंद का माना जाए तो पिछले 17 वर्षो से छत्तीसगढ के मंहत श्री मनीराम बालकदास आश्रम में रह रहा हूं।
रविवार की दोपहर महेश बिंद घूमते हुए दोदापुर गांव स्थित सभाजीत बिंद के घर भिक्षाटन के लिए पहुंचा, घर के अंदर से संतरा देवी ने निकलकर जब साधु बने भाई महेश को देखा तो उसे पहचान गई और पता पूछने लगी लेकिन महेश ने इंकार कर दिया और अपने बहन का फोन नंबर लिखकर वहां से हटकर फोन कर बताया कि हम ही महेश हैं।
हम घर जाना चाहता हूं लेकिन हमारे साथी साधु नहीं जाने देना चाहते। बहन ने तुरंत मायके फोन कर अपने पिता राजाराम और मां को बुला लिया। पिता और मां ने उनके साथ ही साधुओं से बात किया तो उसे छोड़ने के लिए 10 लाख रुपए की मांग हुआ जो ढाई लाख पर तय हुआ।
इधर किसी ने सूचना नेवढ़िया थाना पुलिस को दे दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी को थाने पर ले गई तो साधुओं ने अपनी बात से मुकर गए और मुकेश बिंद भी पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया।
आरोप है कि साधु बने पुत्र के लिए मां-बाप पुलिस से गुजारिश कर रही थी कि उसे जबरदस्ती साधु बनाया गया है लेकिन उनकी एक नहीं सुनी उल्टे महेश बिंद से सुलह समझौता लिखवाया गया कि मैं आश्रम में ही रहना चाहता हूं मैं एक सन्यासी व्यक्ति हूं मैं पारिवारिक जीवन में नहीं रहना चाहता हूं। जिसके बाद पुलिस ने साधुओं को छोड़ दिया और सभी चले गए।
मां बाप के हाथ में डेढ़ दशक बाद आया साधु बना बेटा पुलिस की लापरवाही से फिर दूर चला गया जिसकी चर्चा क्षेत्र में तेजी के साथ हो रही है।