जौनपुर – शाहगंज शैलेंद्र यादव ललई 2002 से लगातार जीत हासिल 2022 समाजवादी पार्टी में फिर से टिकट मिला
शैलेश कुमार की रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी की तीसरी सूची जारी होते ही सबकी नजरें जौनपुर की सबसे हॉट सीट शाहगंज विधानसभा पर टिकी हुई थी। शाहगंज से सबसे चर्चित विधायक शैलेंद्र यादव ललई आते हैं। ललई की पकड़ हर वर्ग में होने के कारण लगातार विधायक बनते चले आ रहे हैं। ललई के अलावा मल्हनी से लकी यादव ,बदलापुर से ओमप्रकाश उर्फ़ बाबा दुबे और केराकत से तूफानी सरोज को टिकट मिला है।
शैलेंद्र यादव ललई 2002 से लगातार जीत हासिल की थी। एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने शैलेंद्र यादव ललई पर विश्वास जताया है और शाहगंज से जीत की हैट्रिक लगाने का मौका दिया है। साल 2002 से लगातार चार बार विधायक और अखिलेश सरकार में उर्जा राज्यमंत्री रहे शैलेंद्र यादव ललई शाहगंज सीट से विधायक हैं। 2002 में बसपा की टिकट से विधायक बने और 41 विधायकों के साथ 2003 में मुलायम सिंह की सरकार बनाने में बड़ा रोल शैलेंद्र यादव ने ही निभाया था।
2003 में आठ विधायकों को लेकर सपा में शामिल होकर मुलायम सिंह यादव की सरकार बनवाने में ललई ने अहम भूमिका निभाई थी। इस पर इन्हें समाज कल्याण एवं आवास विभाग का राज्य मंत्री बनाया। 2007 में खुटहन विधानसभा से विधायक चुने गए। नए परिसीमन के बाद खुटहन विधानसभा खत्म कर दी गई। इसके बाद सन् 2012 में शाहगंज विधानसभा से विधायक बने। अखिलेश यादव की सरकार में 2015 में ऊर्जा एवं नियोजन विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया। वहीं सन 2017 में भाजपा गठबंधन प्रत्याशी को हराकर फिर से विधायक चुने गए। समाजवादी पार्टी ने शैलेंद्र यादव ललई पर विश्वास जताया है।
शैलेंद्र यादव ललई का राजनैतिक जीवन
80 के दशक में समाजसेवा से सक्रिय राजनीति में क़दम रखने के बाद शैलेन्द्र यादव ललई उत्तर प्रदेश की राजनीति में तब उभर कर आये जब वर्ष 1985 में उन्हें युवा लोकदल की प्रदेश कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया।1988 में बाबू विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व में लोकदल, जनमोर्चा एवं अन्य विपक्षी दलों का जुटान एक मंच पर होने के बाद जनता दल का गठन हुआ और 1991 में ललई को युवा जनता दल का प्रदेश महामंत्री बनाकर युवाओं को संगठन से जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई
तेज-तर्रार नेता के रूप में अपनी छवि बनाने वाले ललई यादव को 2002 के उ०प्र० विधानसभा चुनावों में बसपा के टिकट पर खुटहन विधानसभा के तत्कालीन बाहुबली विधायक उमाकांत यादव को पटखनी देकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। तब से लेकर आज तक वह लगातार चौथी बार उ०प्र० विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए हैं। माना जाता है कि 2003 में बसपा से बगावत कर सपा की सरकार बनवाने में इनकी अहम भूमिका थी। जिसके बाद इनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीति में बढ़ते हुए क़द से प्रभावित होकर मुलायम सिंह यादव ने इन्हें राज्य मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया।