डॉ. ने बताई वजह, इन 5 तरह के फूड को ज्यादा खाने से बढ़ जाता है कैंसर का खतरा
कोविड काल में भले ही लोगों ने अपनी सेहत की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया था लेकिन लॉकडाउन खुलते ही फिर से पहले जैसे हालात हो गए हैं। अब सभी लोग पहले की तरह अपनी मॉडर्न लाइफस्टाइल में शुमार हो चुके हैं, यही वजह है कि डॉक्टर अब भी सेहत के प्रति सजग रहने की चेतावनी दे रहे हैं।
एक्सपर्ट बार-बार लोगों से हेल्दी खान-पान और बुरी आदतों पर अंकुश लगाने की अपील कर रहे हैं। जैसा कि आप जानते ही हैं कि यदि आप स्वस्थ भोजन करते हैं, तो आप खुद में ऊर्जावान और फिट महसूस करेंगे। लेकिन अगर आपके खाने की थाली में ट्रांस फैट और रिफाइंड प्रोडक्ट्स की मात्रा अधिक है, तो आलस्य और स्वास्थ्य समस्याएं होना लाजमी हैं। साथ ही अनहेल्दी खाने की हैबिट्स लिवर, किडनी और हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
हालांकि, समय रहते पता चलने पर इन बीमारियों का इलाज किया जा सकता है ताकि कैंसर के जोखिम से बचा जा सके। इस आर्टिकल में हम आपको सत्यवादी राजा हरीशचंद्र गवर्नमेंट हॉस्पिटल के (MBBS MS) के सीनियर रेसीडेंट डॉक्टर पर्व शर्मा के हवाले से उन 5 तरह के फूड खाने से सावधानी बरतने को कह रहे हैं जो खतरनाक बीमारी के जोखिम को बढ़ाते हैं।
फूड कैसे बन सकते हैं कैंसर का कारण
सीनियर रेसीडेंट डॉक्टर पर्व कुमार शर्मा का मानना है कि कैंसर दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है, लेकिन रिलेवेंट लाइफस्टाइल में बदलाव करके इसे रोका जा सकता है। शरीर में कैंसर कोशिकाएं विभिन्न कारणों से बढ़ती हैं और अनहेल्दी आहार उनमें से एक है। फिजिकल एक्टीविटी की कमी, धूम्रपान, मोटापा, शराब और यूवी किरणों के संपर्क में आना कुछ अन्य फैक्टर्स भी हैं जो इसमें अपना रोल निभा सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि शोध में भी इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि हमारी आहार संबंधी आदतें कैंसर के खतरे को बढ़ा या घटा सकती हैं।
संसाधित मांस
डॉक्टर का कहना है कि किसी भी एनिमल बेस्ड प्रोडक्ट को लेना जो स्मोकिंग और साल्टिंग द्वारा प्रिजर्व यानी संरक्षित किया गया है, वो आपकी सेहत के लिए अस्वस्थ्य है। ये फूड आपका वजन बढ़ने से लेकर कैंसर तक की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को जन्म दे सकता है। डॉ. ने बताया कि प्रोसेस्ड मीट से एक कंपाउंड यानी यौगिक उत्पन्न होता है जो कार्सिनोजेन्स हो सकता है। यह एक व्यक्ति को कोलोरेक्टल और पेट के कैंसर के विकास के जोखिम में डाल सकता है। प्रोसेस्ड मीट जैसे हॉट डॉग, सलामी और सॉसेज के बजाय घर पर ही मीट पकाएं।
तला हुआ खाना
तले हुए खाद्य पदाथों का अत्यधिक सेवन से शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकार का कारण बन सकते हैं। जब आलू या मीट जैसे खाद्य पदार्थों को उच्च तापमान पर तला जाता है, तो एक्रिलामाइड नामक यौगिक बनता है। शोध के हवाले से डॉक्टर पर्व कहते हैं कि इस यौगिक में कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं और यहां तक कि डीएनए को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा, तले हुए खाद्य पदार्थ शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को भी बढ़ा सकते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास से जुड़े होते हैं। खाद्य पदार्थों को तलने के बजाय कुकिंग के दूसरे तरीकों को खोजें।
परिष्कृत उत्पाद
डॉक्टर का कहना है कि मैदा, चीनी या तेल सभी में कैंसर कोशिकाओं के विकास के जोखिम को बढ़ाने की क्षमता है। अध्ययनों से पता चलता है कि अत्यधिक रिफाइंड चीनी और कार्ब्स शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जो शरीर में तमाम तरह के कैंसर को रास्ता दे सकते हैं।