सीएचसी कर्नलगंज अन्तर्गत कोविड टीकाकरण में घोर लापरवाही व फर्जीवाड़ा उजागर
अश्वनी गौतम की रिपोर्ट
कर्नलगंज, गोंडा। तहसील मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज अन्तर्गत कोविड टीकाकरण में सीएचसी के जिम्मेदार चिकित्साधिकारियों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की घोर लापरवाही एवं मनमानी पूर्ण फर्जीवाड़े का कारनामा सामने आया है जो स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की निरंकुश कार्यप्रणाली को उजागर कर रहा है। मामला तहसील मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज का है।जिसके अन्तर्गत वैक्सीन लगवाने के बाद दिये गए टीकाकरण कार्ड में सम्मैदीन की जगह सम्मैदेवी पुरुष के बजाय महिला कर दिए जाने के साथ ही पता ग़लत दर्ज कर कार्ड संख्या भी अंकित ना करने संबंधी घोर लापरवाही एवं मनमानी पूर्ण कारनामा सामने आया है,जिसके संबंध में पीड़ित व्यक्ति सम्मैदीन पुत्र महादेव निवासी ग्राम महादेव (लौदाडीह) ग्राम पंचायत बसालतपुर विकासखंड हलधरमऊ तहसील कर्नलगंज जनपद गोंडा ने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर आनलाइन शिकायत दर्ज कराई है जिसमें कहा गया है
कि प्रार्थी ने दिनांक 07/7/2021 को नगरपालिका कार्यालय कर्नलगंज परिसर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कोविड 19 के वैक्सीनेशन कैंप में वैक्सीन लगवाई थी जहां मौजूद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज के चिकित्साधिकारी ए०के० गुप्ता व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों ने घोर लापरवाही मनमानी पूर्ण कार्य करते हुए वैक्सीन लगाने के पश्चात प्रार्थी को दिए गए कोविड 19 टीकाकरण रिकार्ड कार्ड में प्रार्थी के नाम सम्मैदीन की जगह सम्मै देवी पुरूष के बजाय महिला कर दिया गया।जो सरासर घोर लापरवाही जनक कार्य है। वहीं उक्त कार्ड में प्रार्थी का पता भी ग़लत लिखा है और कार्ड में क्रमांक संख्या भी दर्ज नहीं किया गया है जिससे जिम्मेदार चिकित्साधिकारी व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही निरंकुश कार्यप्रणाली के चलते प्रार्थी को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है
वहीं सामाजिक एवं मानसिक क्षति भी हुई है। उक्त संबंध में साक्ष्य हेतु कोविड 19 टीकाकरण कार्ड और अपने आधारकार्ड की छायाप्रति संलग्न करके संबंधित चिकित्साधिकारी व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के विरुद्ध न्यायोचित सख्त कार्रवाई किया जाना नितांत आवश्यक बताते हुए पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से सम्पूर्ण मामले की निष्पक्ष जांच कराकर संबंधित चिकित्साधिकारी व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के विरुद्ध न्यायोचित सख्त कार्रवाई किये जाने की मांग की है। उपरोक्त प्रकरण सीएचसी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सवालिया कटघरे में खड़ा कर रहा है।