स्वस्थ जीवन के लिए हेल्दी डाइट चार्ट Healthy Diet Plan in Hindi

आज शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा, जिसका खान-पान बिल्कुल स्वस्थ हो। अधिकांश लोग घर से बाहर ही भोजन करना पसंद करते हैं। अनेक लोग फास्ट फूड आदि का भी बहुत सेवन करते हैं। नतीजा यह होता है कि लोग बीमार पड़ने लगते हैं। ऐसे में जब भी कोई रोगी किसी डॉक्टर से सम्पर्क करता है तो डॉक्टर सबसे पहले मरीज को अपना डाइट प्लान बदलने की सलाह देते हैं। इसलिए आज संतुलित आहार चार्ट (नार्मल डाइट प्लान) लोगों की जरूरत बन गया है।

हेल्दी डाइट चार्ट ना सिर्फ रोगी को फायदा पहुंचाता है, बल्कि सभी लोगों को इससे लाभ मिलता है। दैनिक आहार तालिका का पालन कर आप खुद के साथ अपने परिवार को भी स्वस्थ बना सकते हैं। इसलिए आपके लिए जानना बहुत ही जरूरी है कि स्वस्थ आहार चार्ट क्या है। आइए जानते हैं कि संतुलित आहार (हेल्दी डाइट) क्या होता है, और स्वस्थ रहने के लिए आपका दैनिक आहार तालिका कैसा होना चाहिए।

 

संतुलित आहार (स्वस्थ भोजन) क्या है? (What is Normal Diet or Healthy Diet?)

वह कोई भी पदार्थ जो शर्करा (Carbohydrate), वसा, जल तथा प्रोटीन से बना हो, और जिसे जीव द्वारा जीवन जीने के लिए ग्रहण किया जा सके, उसे भोजन कहते हैं। भोजन में अनेक पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के विकास एवं वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। भोजन से विभिन्न पौष्टिक तत्व मिलते हैं, जैसे- कार्बोज, प्रोटीन, वसा, खनिज-लवण, विटामिन्स और जल आदि। पौष्टिक तत्व आपके शरीर में पोषण स्तर को बनाए रखता है ताकि आप स्वस्थ रहें।  इसलिए ना केवल जीवित रहने के लिए, बल्कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन बिताने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी होता है।

अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए संतुलित भोजन मूल आधार है। वायु और जल के बाद शरीर के लिए भोजन ही आवश्यक होता है। भोजन ग्रहण करने पर पाचक रस उस पर अपना काम करता है, और भोजन से जरूरी पोषक तत्व शरीर द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। इससे ही आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है। मनुष्य जिस तरह का भोजन ग्रहण करता है, उस पर ही मनुष्य की स्वास्थ्य स्थिति निर्भर करती है।  इसलिए हर व्यक्ति को संतुलित आहार चार्ट का पालन करना जरूरी होता है।

 

स्वस्थ भोजन (संतुलित आहार) के फायदे (Benefits of Normal Diet or Healthy Diet)

भोजन से मुख्यतः आपके शरीर को ये लाभ होते हैंः-

  • शरीर को ऊर्जा मिलती है।
  • शारीरिक तन्तुओं का निर्माण होता है।
  • बीमारियों से बचाव होता है।
  • शारीरिक गतिविधियों सुचारू रूप से जारी रहती हैं।

पुरुषों के लिए संतुलित आहार चार्ट (नार्मल डाइट चार्ट) (Normal Diet Chart or Healthy Diet Chart for Male)

पुरुषों को संतुलित आहार के रूप में इन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिएः-

  • कार्ब्स और प्रोटीनयुक्त भोजन करें।
  • सोने से लगभग एक घण्टा पहले भोजन करने की आदत डालें।
  • इसके साथ ही सुबह व्यायाम एवं टहलने की आदत डालनी चाहिए।
  • सुबह उठकर एक गिलास दूध, जिसमें मलाई ना हो ले सकते हैं। इसके साथ 3-4 बादाम खाएँ।
  • शाम को थोड़ी मात्रा में स्नैक्स जैसे- जूस, फल, ग्रीन टी, नट्स आदि लेने से ऊर्जा का स्तर बना रहता है।
  • नाश्ते में अंकुरित अनाज, मौसमी फल या उपमा ले सकते हैं। नाश्ते में कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
  • दोपहर के भोजन में दाल, रोटी, सब्जी, चावल एवं सलाद ले सकते हैं। इसके साथ में एक कप दही या  छाछ भी लेना चाहिए।
  • रात में कम एवं हल्का भोजन करना चाहिए। रात के भोजन में चावल ना लें। केवल रोटी, सब्जी एवं सलाद ले सकते हैं।

महिलाओं के लिए संतुलित आहार चार्ट (नार्मल डाइट चार्ट) (Normal Diet Chart or Healthy Diet Chart for Felame)

  • महिलाओं के लिए पोषण संबंधी आवश्यकताएँ पुरुषों से भिन्न होती है। महिलाएँ को मासिक धर्म के कारण पुरुषों की तुलना में अधिक आयरन की आवश्यकता होती है। इसलिए महिलाओं को संतुलित आहार के रूप में इन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिएः-
  • महिलाओं को नाश्ते में प्रोटीनयुक्त आहार लेना चाहिए।
  • ब्रेड या फिर दलिया के अंकुरित अनाज का सेवन करें।
  • मौसमी फलों का सेवन करें। दूध और नट्स भी नाश्ते में ले सकते हैं।
  • दिन का भोजन, कार्ब्स, प्रोटीन और वसा से युक्त करें।
  • भोजन में 2 रोटी, एक कटोरी चावल, दाल, सब्जी, सलाद एक दही का सेवन करें।
  • शाम के वक्त ग्रीन टी, जूस, फल या नट्स ले सकते हैं।
  • रात का भोजन दिन की तुलना में हल्का होना चाहिए। 2 रोटी, सब्जी, सलाद एवं कटोरी दाल लेनी चाहिए।
  • रात में सोने से पहले एक गिलास दूध पिएँ।

संतुलित आहार चार्ट (बैलेंस डाइट चार्ट) का पूरा विवरण (Normal Diet Chart or Balanced Diet Chart Details)

हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना और उसके द्वारा की जाने वाली मेहनत के हिसाब से खान-पान की आवश्यकता अलग-अलग होती है। दिमाग सुचारु रूप से काम करता रहे और शरीर थके नहीं, इसके लिए हर वयक्ति को लगभग 1200 से 1800 कैलोरी की आवश्यकता होती है। इतनी कैलोरी ऊर्जा के रूप में शरीर में बेहतर ढंग से संचारित हो जाती है, जो वसा के रूप में शरीर में नहीं जमती। इसलिए आहार चार्ट में खाद्य पदार्थों की मात्राएं कैलोरी के हिसाब से इतनी होनी चाहिएः-

  • दिन के तीन मुख्य भोजन जैसे – नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना 300 से 350 कैलोरी का रखें।
  • बाकी 300 कैलोरी में स्नैक्स और अन्य चीजों को रखें।
  • ग्रीन टी का सेवन करें।
  • मैदा और चावल बिल्कुल ना खाएँ। जो भी खाना खाएँ वह गेहूँ से बना हो, या ब्राउन चावल हो।
  • सुबह उठते ही पानी पिएँ। लगभग 2 गिलास गुनगुना पानी पिएँ।
  • नाश्ते में ओट्स का सेवन करें, लेकिन बाहर का प्रिजरवेटिव युक्त ओट्स ान हो। सादे ओट्स लाकर उसमें प्याज, लहसुन, दालचीनी, कलौंजी, ब्रौकली और नमक आदि डालकर बनाएँ। कभी-कभी कॉर्नफ्लेक्स और मलाई उतरे हुए दूध का सेवन करें।
  • दिन के भोजन और नाश्ते के बीच में 5-10 बादाम, कॉफी या ग्रीन टी, अदरक, तुलसी, दालचीनी और अदरक, इलायची से बनी चाय का सेवन करें। इसमें चीनी न मिलाएँ।
  • दिन के भोजन में एक कटोरी ब्राउन राइस, सलाद, दाल एवं दो रोटी का सेवन करें। इसके साथ में एक कटोरी सलाद भी लें।
  • शाम के समय कोई भी सब्जियों से बना सूप या ग्रीन टी लें।
  • रात के भोजन में एक कटोरी वेज सूप, एक कटोरी सलाद, एक बड़ी कटोरी पपीता या एक कटोरी भरकर उबली हुई सब्जियाँ खाएँ, इसमें लहसुन और प्याज भी डालें।

स्वस्थ आहार अपनाने के दौरान आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle in Healthy Diet Chart)

स्वस्थ आहार चार्ट अपनाने के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें
  • ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें
  • भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक,सकारात्मक एवं खुश मन से करें
  • तीन से चार बार भोजन अवश्य करें
  • किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें
  • हफ्ते में एक बार उपवास करें
  • अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें मतलब भूख से थोड़ा कम खाएं।
  • भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खायें
  • भोजन खाने के बाद 3-5 मिनट टहलें
  • सूर्यादय से पहले या साथ जाग जाये मतलब [5:30 – 6:30 am] पर जाग जाएं।
  • रोज दो बार ब्रुश (दन्त धावन) करें
  • रोज जिव्हा निर्लेखन (जिव्हा साफ करना) करें
  • रात्रि में सही समय पर नींद लें, मतलब [9-10 PM] पर सो जाएं।

आपके लिए योग प्राणायाम एवं ध्यान- भस्त्रिका, कपालभांति, बाह्यप्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, उज्जायी, प्रनव जप।

आसन-  सूक्ष्म व्यायाम, सूर्यनमस्कार, उत्तानपादासन, भुजंगासन, मर्कटासन, शशांकासन, शवासन,पश्चिमोत्तानासन

बैलेंस डाइट प्लान अपनाने के दौरान परहेज 


बैलेंस डाइट प्लान के दौरान इनका परहेज करें-

अनाज- नया चावल, मैदा।

दाल- कुलथ, उड़द, राजमा, छोले।

फल एवं सब्जियां- बैगनआलूनीबूसरसोंटमाटरनीबूखट्टे अंगूरआलूकटहलअरबी।

अन्य- दहीमछलीपनीरतीखा भोजनसरसों का तेलतैलीय मसालेदार भोजनअधिक नमककोल्डड्रिंक्सफास्टफूडजंक फ़ूडडिब्बा बंद खाद्य पदार्थ।

आपकी जीवनशैली- आधारणी वेग को रोकना (मल-मूत्र को नहीं रोकना)रात में जागना नहीं है (रात्री जागरण)आतप सेवन (धूप का सेवन), उपवास नहीं करना है।

इन चीजों की बिल्कुल मनाही है- तैलीय मसालेदार भोजनअचारअधिक तेलअधिक नमक कोल्डड्रिंक्समैदे वाले पर्दाथशराबफास्टफूडसॉफ्टडिंक्सजंक फ़ूडडिब्बा बंद खाद्य पदार्थमांसहार, मांसहार सूप।

आपके लिए योग प्राणायाम एवं ध्यान– निर्देशानुसार

आपके लिए आसन– निर्देशानुसार

सलाह- यदि मरीज को चाय की आदत है तो वे इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय ले सकते हैं |

 

संतुलित आहार से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related Healthy Diet)

 

संतुलित आहार क्या है?

संतुलित आहार वह होता है, जो आपके शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व उपलब्ध कराता है। उन पोषक तत्वों में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। संतुलित पोषण के लिए ताजा फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और प्रोटीन अपने रोज के आहार में लेने चाहिए। यदि आहार में यह सभी पोषक तत्व न हो तो शरीर न सिर्फ कमजोर हो जाता है बल्कि बीमारियों का घर बन जाता है।

क्या संतुलित आहार लेने से भी वजन बढ़ता है?

संतुलित आहार लेने से व्यक्ति का वजन नहीं बढ़ता, और शरीर स्वस्थ एवं सक्रिय रहता है। संतुलित आहार से व्यक्ति का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ ठीक रहता है। व्यक्ति को उम्र के साथ भूलने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। संतुलित आहार के साथ अपनी दिनचर्या में भी बदलाव लाना चाहिए। इससे रोगों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।

शरीर को संतुलित आहार की जरूरत क्यों होती है?

हमारे शरीर को ऊर्जा की लगातार आवश्यकता रहती है। यह ऊर्जा शरीर की आंतरिक क्रियाओं के लिए बहुत आवश्यक होती है। जीवन सुचारू रूप से चलता रहे, और सांसों की क्रिया, रक्त का प्रवाह, दिल की धड़कनें आदि उचित तरह से काम करते रहें, इसके लिए स्वस्थ भोजन करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह क्रियाएँ शरीर में हमेशा चलती रहती हैं, और इनके लिए काफी मात्रा में ऊर्जा की जरूरत होती है। आंतरिक क्रियाओं के अलावा शरीर को बाहरी कार्य जैसे- चलना, दौड़ना, खेलना या फिर अन्य कोई भी शारीरिक कार्य करने के लिए भी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

इन आन्तरिक और बाह्य क्रियाओं के अलावा शरीर की ऊर्जा का कुछ हिस्सा भोजन को पचाने, और उसे अवशोषित करके तन्तुओं तक पहुँचाने, तथा उनके चयापचय के लिए भी आवश्यक होता है। इस क्रिया के दौरान बनी ऊष्मा शरीर का तापमान नियंत्रित करती है। यह ऊर्जा शरीर को भोजन में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट्स और वसा से प्राप्त होती है।

नए तन्तु निरंतर शरीर में बनते रहते हैं, और पुराने तन्तु टूटते रहते हैं। तन्तु निर्माण के लिए आवश्यक पौष्टिक तत्व अधिक मात्रा में चाहिए होते हैं। आप जो भोजन करते हैं, उससे शरीर में रोज टूटने वाले तन्तुओं की मरम्मत होती है। इसलिए जीवन की किसी भी अवस्था में शारीरिक निर्माण के लिए आवश्यक पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता बनी रहती है।

बैलेंस डाइट प्लान के दौरान शाकाहारी और मांसाहारी आहार में किसे प्राथमिकता देनी चाहिए?

शाकाहारी एवं मांसाहारी आहार की विशेषताएं यहां दी जा रही हैंः-

आयुर्वेद में भोजन को तीन श्रेणियों में रखा गया है। ये श्रेणियाँ तीन गुणों को दर्शाती हैं- सात्विक, राजसिक और तामसिक। इनकी विस्तृत जानकारी यहां दी गई हैंः-

तामसिक भोजन जैसे – मांस, मछली, अण्डे, मादक पदार्थ, संग्रहित किया भोजन एवं बासी भोजन आलसी और सुस्त बनाता है।

राजसिक भोजन तीखा एवं अधिक चटपटा होता है। यह व्यक्ति को अशान्त एवं आक्रामक बनाता है।

सात्विक भोजन पूर्णतः शाकाहारी होता है। यह भोजन दूध-सब्जी आदि से प्राप्त होता है। इसमें पूर्ण भोज्य सामग्री अनाज, शाक-सब्जी, दालें, फल, मेवे, बीज, दूध और दूध से बने पदार्थ सम्मिलित हैं।

आपकी जानकारी के लिए सात्विक, राजसिक और तामसिक से संबंधित मुख्य बातेंः-

  • भोजन केवल शरीर की विभिन्न आंतरिक एवं बाहरी क्रियाओं हेतु ऊर्जा का स्रोत ही नहीं है, बल्कि शरीर को स्वस्थ व बलवान रखने का उत्तम साधन है। इससे मानव का मस्तिष्क भी स्वस्थ तरह से काम करता है।
  • सात्विक एवं शाकाहारी भोजन हमेशा अच्छा माना जाता है। यह मानव के लिए अनुकूल माना जाता है, क्योंकि यह मानवीय संवेदनाओं का पालनकर्ता होता है, जबकि तामसिक एवं मांसाहारी भोजन हिंसक एवं अमानवीय विचारों का जन्मदाता होता है। इसलिए भारतीय जीवनशैली में शाकाहारी भोजन को ही प्राथमिकता दी है।
  • ऋषि-मुनियों ने भी स्वस्थ चित्त-मन के लिए शाकाहार को सबसे अच्छा माना है। विश्व के विकसित देश भी भारतीय सोच के अनुसार शाकाहार अपनाने लगे हैं। शोध करने पर यह पाया गया है कि मांसाहार कैंसर एवं अन्य असाध्य रोगों का कारण होने के साथ-साथ जीवनकाल को भी छोटा करता है।
  • पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों की शारीरिक संरचना एवं उनके अंगों का निर्माण और विकास, उनके भोजन की प्रकृति एवं पद्धति के आधार पर तय है। मानव शरीर एवं अंगों का विकास अधिकतर शाकाहारी प्राणी के रूप में हुआ है। मानव के मुख्य अंग जैसे दाँत, जीभ, आंत, लिवर, किडनी एवं पाचनतंत्र व अन्य इन्द्रियों की प्रकृति पूरी तरह शाकाहारी जन्तुओं से मेल खाती है। इसलिए प्रकृति ने शाकाहारी भोजन के रूप में सभी स्वास्थ्यवर्धक पोषक तत्व उपलब्ध कराए हैं, जिनमें प्रमुख अनाज, फल, शाक-सब्जियाँ, सूखे मेवे आदि शामिल हैं, जो आप रोज खाते हैं।
  • शाकाहारी भोजन शरीर और मन को शांत एवं संतुलित बनाए रखता है। शाकाहारी भोजन आपके शरीर को विषहीन, स्वच्छ और शुद्ध रखता है। रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है। इसलिए शाकाहारी भोजन ही व्यक्ति के लिए सबसे अच्छे होता है।

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