अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में लोगों का आक्रोश धीरे धीरे पूरे उत्तराखंड में बढ़ता जा रहा है.

ऋषिकेश: अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में लोगों का आक्रोश धीरे धीरे पूरे उत्तराखंड में बढ़ता जा रहा है. ऋषिकेश, पौड़ी, देहरादून के बाद टिहरी में भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों को फांसी देने की मांग की. धनौल्टी में व्यापार मंडल और स्थानीय लोगों ने कहा कि पहाड़ की बेटी के साथ जो अपराध किया गया है,

8 से बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार और पुलिस को ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है, जिससे भविष्य में इस तरह के वारदतों को रोका जा सके. महिला सुरक्षा संबधी कानूनों का कड़ाई से पालन कराया जाना चाहिए.

खटीमा दौरे पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता भंडारी हत्याकांड पर News18 से खास बातचीत में कहा कि इस जघन्य अपराध को लेकर लोगों में दुःख है, तो आक्रोश भी. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफतार कर लिया. इस मर्डर केस की जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया है, जो भी आरोपी हैं उनको बख्शा नहीं जाएगा. सीएम ने साथ ही कहा कि पुलिस ने सभी सबूतों को पहले ही जुटा लिया है. अंकिता के परिजनों को न्याय मिलेगा. उत्तराखंड में वन भूमि या सरकारी भूमि पर जहां भी अवैध रिजाॅर्ट होटल बने हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार सुबह राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) गुरमीत सिंह से मिलकर उनको अंकिता भंडारी मर्डर केस के बारे में जानकारी दी और अबतक की जांच का अपडेट दिया. राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, सीएम धामी ने बेटी अंकिता भंडारी की निर्मम हत्या के संबंध में की जा रही कार्रवाई की जानकारी राज्यपाल को दी. सीएम ने आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.

जघन्य अपराध पर शोक व्यक्त करते हुए गवर्नर ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.वहीं, श्रीनगर जिले में अंकिता के हत्यारों को फांसी देने की मांग को लेकर लोग मोर्चरी के आगे बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए. राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों ओर से आवागमन बाधित हो

गया. पुलिस को कोटेश्वर और कीर्तिनगर की ओर ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा. लोगों का कहना था कि अंकिता कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और उसके भाई को सरकारी नौकरी दी जाए. कांग्रेस, वामपंथी संगठन, छात्र संगठन इस आंदोलन में शामिल हुए. अंकिता के परिजनों ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने तक उसका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है. रविवार दोपहर को पौड़ी डीएम और एसएसपी अंकिता के परिजनों से मिलने पहुंचे. बन्द कमरे में जिला प्रशासन और परिजनों के बीच बातचीत हुई. प्रशासन अंकिता के परिजनों को अंतिम संस्कार करने के लिए मनाने में जुटा है.

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