अंकिता हत्या: आरोपियों का होगा नार्को टेस्ट, कोर्ट से मंजूरी का इंतजार!

उत्तराखंड – अंकिता भंडारी हत्याकांड में नई जानकारी सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों मुख्य आरोपियों का नार्को टेस्ट होगा. इसके लिए कोर्ट में अर्जी पहले ही दी जा चुकी है. कोर्ट से अर्जी मंजूर होते ही नार्को टेस्ट कराया जाएगा. नार्को टेस्ट कराने के बाद हत्याकांड की चार्जशीट कोर्ट में पेश की जाएगी. सूत्रों ने बताया कि सबूतों को पुख्ता करने और आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के लिए नार्को टेस्ट कराया जाएगा।

 

बता दें, उत्तराखंड में ऋषिकेश के पास एक रिसॉर्ट में 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की कथित तौर पर रिसॉर्ट मालिक और उसके दो साथियों ने हत्या कर दी थी। एक अधिकारी ने कहा था कि 22 सितंबर को राजस्व पुलिस से नियमित पुलिस बल को मामला सौंपे जाने के 24 घंटे के भीतर रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

 

24 सितंबर को मिला था अंकिता का शव

पूछताछ में आरोपियों ने कहा था कि उन्होंने 18 सितंबर को अंकिता भंडारी को चिल्ला नहर में धकेल दिया था. सर्च अभियान के दौरान 24 सितंबर को उसका शव मिला था. मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व नेता विनोद आर्य का बेटा है, जिन्हें मामले में पुलकित का नाम सामने आने पर पार्टी ने निष्कासित कर दिया था।

 

CBI से कराई जाए जांच- अकिता के पिता

बीते दिनों अंकिता की हत्या की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की मांग को लेकर उसके माता-पिता ने ऋषिकेश में धरना दिया था. मामले की जांच कर रही एसआईटी पर दोषी को बचाने के दवाब में होने का आरोप लगाते हुए अंकिता के पिता ने कहा था कि उन्हें एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है. मामले को सीबीआई को सौंपे जाने की उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

 

अंकिता के पिता ने आरोप लगाया था कि अंकिता की हत्या के एक दिन बाद ही सारे सबूत नष्ट कर दिए गए थे. यहां तक कि रिजॉर्ट से सटी फैक्ट्री के कमरों, जहां आरोपी रहता था, में भी आग लगा दी गई थी. हमें एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया था कि जब सबूत ही नष्ट हो गए हैं तो दोषी को सख्त सजा कैसे मिलेगी।

 

फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी नहीं चल रहा मुकदमा

अकिता भंडारी के पिता ने कहा था कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें मुकदमा फास्ट ट्रैक अदालत में चलाए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. एसआईटी जांच शुरू हुए करीब दो माह बीत जाने के बावजूद अब तक मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं हुआ है और न ही अब तक वीआईपी के नाम का खुलासा हो पाया है. अंकिता के पिता ने कहा कि हमारी बेटी की हत्या की जांच सीबीआई को सौंपी जाए. हम चाहते हैं कि दोषियों को बिना किसी देरी के फांसी पर लटकाया जाए।

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