आज से 20 दिनों बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मोदी सरकार त्योहारों पर बड़ा तोहफा देने वाली है.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को जिस बात का इंतजार बीते तीन महीने से है वो इंतजार बस अब खत्म होने वाला है. आज से 20 दिनों बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मोदी सरकार त्योहारों पर बड़ा तोहफा देने वाली है. और कब ये तोहफा मिलेगा इसी तारीख भी सामने आ गई है.
28 सितंबर, 2022 को नवरात्रि शुरु होने के दो दिनों के बाद सरकार केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए अपना खजाना खोलने वाली है. 28 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ता बढ़ाने का एलान किया जा सकता है.
28 सितंबर को मिलेगा तोहफा
आधिकारिक तौर पर कैबिनेट की तारीख और महंगाई बढ़ोतरी की घोषणा की जाएगी इसका एलान नहीं किया गया है. लेकिन इस बात के पूरे आसार हैं कि 28 सितंबर को नवरात्रि में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए सरकार 2022 केी छमाही जुलाई से दिसंबर के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का एलान कर सकती है.
नवरात्रि पर बढ़ेगा महंगाई भत्ता
26 सितंबर से नवरात्र का त्योहार शुरु हो रहा तो 5 अक्टूबर को दशहरा है. और इस बात कि पूरी उम्मीद है कि इस महीने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया जा सकता है. हर वर्ष सरकार दो बार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करती है. पहले चरण महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी जनवरी से तो दूसरी दफा जुलाई महीने से लागू होती है.
खुदरा महंगाई आंकड़ों के आधार पर डीए और डीआर में बदलाव किया जाता है. खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस लेवल 6 फीसदी से ऊपर चल रहा है और 6.71 फीसदी पर है. साल 2022 के पहले छमाही जनवरी से जून के लिए सरकार महंगाई भत्ता बढ़ा चुकी है. अब जुलाई से दिसंबर महीने के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का इंतजार है. और सितंबर में महंगाई भत्ते का बढ़ना तय है.
कितना बढ़ेगा डीए
पहले माना जा रहा था कि महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी. लेकिन बढ़ती महंगाई के मद्देनजर महंगाई भत्ते को 5 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है.ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के डाटा के मद्देनजर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 39 फीसदी बढ़ाकर किया जा सकता है. महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में जबरदस्त इजाफा संभव है. आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार के इस फैसले का असर 47 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को होगा.