इलाहाबाद:अब विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र से फीस वृद्धि का विरोध कर रहे छात्र शनिवार से शुरू हुए ऑनलाइन परास्नातक प्रवेश को रोकने पर अड़ गए।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र से फीस वृद्धि का विरोध कर रहे छात्र शनिवार से शुरू हुए ऑनलाइन परास्नातक प्रवेश को रोकने पर अड़ गए। सुबह तकरीबन 11:30 बजे आंदोलनकारी छात्र परिसर में गोपनीय विभाग के पास एफआरसी बिल्डिंग में घुसकर विरोध करने लगे। प्रवेश समिति के सदस्य प्रो. मनमोहन कृष्ण और पीजी काउंसिलिंग के डायरेक्टर प्रो. आशीष सक्सेना का घंटों घेराव किया। बात बिगड़ती देख पुलिस ने लगभग चार बजे दोनों प्रोफेसर को छुड़ाया।

अब पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए 14 छात्रों राहुल पटेल, संदीप वर्मा प्रॉक्टर, आनंद यादव, हरेन्द्र यादव, मनजीत पटेल, यशवंत यादव, सुधीर क्रांतिकारी, चन्द्रशेखर अधिकारी, अजय पांडेय, अमित पांडेय, राहुल सरोज, अनुराग यादव, आयुष प्रियदर्शी और अमित द्विवेदी आजाद को हिरासत में लेकर पुलिस लाइंस भेज दिया। हिरासत में लेने के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच जमकर धक्कामुक्की हुई। पुलिसकर्मियों ने ठेलकर सभी को प्रिजन वैन में भर दिया।

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि फीस वृद्धि वापस लेने की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने एडमिशन कमेटी को भी फोन पर धमकी दी कि यदि फीस वापस नहीं होती और प्रवेश प्रक्रिया चलती है तो प्रवेश समिति का भी घेराव किया जाएगा।

वर्जनआइसा-छात्रसभा के कार्यकर्ता अनशन पर बैठे

 फीस वृद्धि के खिलाफ इविवि छात्रसंघ भवन पर शनिवार को 26वें दिन आमरण अनशन जारी रहा। संयुक्त संघर्ष समिति की तरफ से अनशनरत छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव, अजय यादव सम्राट और सिद्धार्थ कुमार गोलू के अस्पताल में भर्ती होने के बाद आइसा के इकाई अध्यक्ष विवेक सुल्तानवी व समाजवादी छात्र सभा के निवर्तमान जिला महासचिव शिवशंकर सरोज आमरण अनशन पर बैठ गए। अनशन पर बैठने से पहले छात्रों ने ताराचंद हॉस्टल से धरनास्थल तक मार्च निकाला। आइसा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय सचिव शैलेश पासवान ने विवेक सुल्तानवी व शिवशंकर सरोज को माला पहनाकर समर्थन दिया।

जानिए अब छात्र आंदोलन के समर्थन में वामदलों का प्रदर्शन

जब इविवि में चल रहे छात्र आंदोलन के समर्थन में शनिवार को वामदलों ने प्रदर्शन किया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माले तथा लोकतांत्रिक जनता दल ने संयुक्त रूप से पत्थर गिरजा के पास धरनास्थल पर धरना देकर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।

इसके बाद वामदलों के प्रतिनिधिमंडल ने छात्रसंघ भवन पर आंदोलनरत छात्रों से मिलकर समर्थन दिया। प्रदर्शन में भाकपा जिला मंत्री नसीम अंसारी, माकपा जिला मंत्री अखिल विकल्प, भाकपा माले के जिला प्रभारी सुनील मौर्य, लोजद के इंद्र बहादुर के अतिरिक्त आनंद मालवीय, विकास स्वरूप आदि शामिल रहे।

विश्वविद्यालय के शिक्षकों को घेरना और धमकी देना अत्यंत निंदनीय और चिंताजनक है। कैंपस में फैलायी जा रही अराजकता से शिक्षकों और छात्रों में अनिश्चितता एवं आशंका बनती है। विश्वविद्यालय लगातार फीस वृद्धि की ज़रूरत होने, वर्तमान कोर्स में पढ़ रहे छात्रों के ऊपर इसका कोई असर नहीं होने और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के छात्रों को विभिन्न सरकारी स्त्रोतों से छात्रवृत्ति से रिफंड होने की बात कह रहा है।

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