एक बार फिर गूगल मैप ने भटकाया… टूटी पुलिया से गुजरती कार बह गई बनास नदी में, तीन की मौत, एक बच्ची लापता
चित्तौड़गढ़, 27 अगस्त —
तकनीक पर जरूरत से ज्यादा भरोसा एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ। गूगल मैप की राह पर चलने वाली एक वैगनआर कार, चित्तौड़गढ़ जिले के राशमी क्षेत्र में बनास नदी की टूटी हुई पुलिया से गुजरने की कोशिश में तेज बहाव में बह गई। इस भीषण हादसे में 9 में से 5 लोगों को तो बचा लिया गया, लेकिन 3 लोगों की मौत हो चुकी है और एक मासूम बच्ची अभी भी लापता है।
सवाईभोज से लौटते समय हादसा
भीलवाड़ा जिले के काना खेड़ा गांव के 9 लोग दर्शन कर देर रात अपने घर लौट रहे थे। चालक ने गूगल मैप के निर्देशों पर चलकर राशमी क्षेत्र का रास्ता चुना। बारिश के कारण नदी में बहाव तेज था और सोमी-उपरेड़ा की पुरानी पुलिया पानी में डूबी हुई थी। प्रशासन ने पुलिया को बंद किया था, लेकिन मार्ग पर कोई स्पष्ट चेतावनी या अवरोधक नहीं था।
रात के अंधेरे और गूगल मैप के भरोसे पुलिया पार करते वक्त कार सीधे बीच में टूटी पुलिया से फिसलकर बहाव में चली गई।
गौरवपूर्ण रेस्क्यू, लेकिन अधूरा
कार में सवार लोगों ने किसी तरह कांच फोड़कर बाहर निकलने की कोशिश की और छत पर चढ़कर फोन के जरिए परिजनों को सूचना दी।
स्थानीय ग्रामीण, राशमी पुलिस और जब्बार खान नाव लेकर मौके पर पहुंचे और साहसिक बचाव में 5 लोगों की जान बचाई। लेकिन हादसे के दौरान दो महिलाएं और दो बच्चे तेज बहाव में बह गए। अब तक दो महिलाओं और एक बच्ची का शव बरामद किया गया है, जबकि 7 वर्षीय एक बालिका अब भी लापता है।
पांच साल से टूटी है पुलिया
ग्रामीणों के अनुसार यह पुलिया पिछले 5 वर्षों से टूटी हुई है और इसके निर्माण के लिए बार-बार प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज उसी लापरवाही का परिणाम चार मासूम ज़िंदगियों के बह जाने के रूप में सामने आया है।
तकनीक बनाम ज़मीनी हकीकत
यह घटना फिर से यह सवाल उठाती है:
क्या हम गूगल मैप जैसे डिजिटल टूल्स पर आंख मूंदकर भरोसा कर सकते हैं, खासकर तब, जब वे ज़मीनी हकीकत नहीं जानते?
गूगल मैप रास्ता दिखा सकता है, लेकिन यह न तो बहाव में डूबी पुलिया की चेतावनी देता है और न ही स्थानीय खतरों की जानकारी। ऐसे में तकनीक का इस्तेमाल विवेक से करना ही समझदारी है।
अब सवाल प्रशासन से…
- पांच साल से टूटी पुलिया क्यों नहीं बनी?
- क्या पुलिया बंद होने की जानकारी देने के लिए पर्याप्त चेतावनी नहीं होनी चाहिए थी?
- क्या अब प्रशासन सबक लेगा या अगला हादसा होने तक इंतज़ार करेगा?
