ऐसी वारदात, जिसने हर किसी को डरा दिया, खास रिश्तेदार ने मां-बेटे को चंद मिनटों में उतारा था मौत, उगला सच

उत्तरप्रदेश: ऐसी वारदात, जिसने हर किसी को डरा दिया, खास रिश्तेदार ने मां-बेटे को चंद मिनटों में उतारा था मौत, उगला सच-

मेरठ पुलिस ने बैंक मैनेजर की पत्नी व बेटे की हत्या करने वाले हरीश मावी की पूरी कुंडली खंगाली है। दावा है कि हरीश मावी शातिर अपराधी है। ग्रेटर नोएडा में 2.50 करोड़ की चोरी में जेल काट चुका है। वह हथियारों से लैस होकर हस्तिनापुर में बैंक मैनेजर सहित उनके परिवार का खात्मा करने के इरादे से आया था। घर में घुसते ही शिखा से हरीश ने पूछा कि संदीप कहां है और वह कब आएगा। शिखा ने कहा कि वह बैंक में हैं। संदीप के इंतजार में हरीश और उसका रिश्तेदार रवि सोफे पर बैठ गए। तभी शिखा ने कहा कि उसकी सास मुन्नी आनी वाली हैं। यह सुनते ही आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस लाइन में हुई प्रेस वार्ता में हत्यारोपी हरीश ने बताया कि उसने संदीप की बहन डॉली से प्रेम-प्रसंग के चलते परिवार की बगैर मर्जी के शादी की थी। दूसरी जाति से होने की वजह से संदीप और उनका परिवार सम्मान नहीं करता था। संदीप मुझसे नफरत रखते थे। संदीप के भाई दीपक की शादी में एक लाख रुपये चोरी हुए थे। चोरी का आरोप लगाकर बेइज्जत किया गया था।

हस्तिनापुर में डबल मर्डर।

इसके बाद ही संदीप, शिखा, बेटे रूकांश को मारने का प्लान बनाया था। वारदात के समय उसके पास तमंचा और नौ कारतूस थे, जबकि रवि पिस्तौल लेकर आया था। घर पर संदीप नहीं मिले तो उनकी पत्नी व बेटे को मारा। हरीश को डर था कि संदीप के परिवार का कोई सदस्य आ सकता है। इसी वजह से दोनों के शव बेड में बंद किए और बाहर ताला लगाकर भाग गए।
हस्तिनापुर में डबल मर्डर।

किराये के कमरे में मिले नकदी और जेवरात
हरीश ने नोएडा में अपने घर से एक किलोमीटर दूर 45 सौ रुपये प्रतिमाह किराये पर एक कमरा लिया हुआ था। इस कमरे पर वह अपने गैंग के बदमाशों के साथ बातचीत करता था। हत्या करने के बाद हरीश ने इसी किराये के कमरे में नकदी और जेवरात रखे थे, जो पुलिस ने बरामद किए। पुलिस का कहना है कि हरीश की निशानदेही पर 1.47 लाख व 20 लाख के जेवरात बरामद हुए। हरीश ने 40 हजार रुपये रवि को देकर पिलखुवा छोड़ा व फिर स्कूटी गाजियाबाद के मसूरी क्षेत्र में गंगनहर में फेंककर नोएडा पहुंचा।
मां-बेटे के अंतिम संस्कार में अधिवक्ता की गाड़ी से पहुंचा
मंगलवार को मां-बेटे के अंतिम संस्कार में हरीश एक अधिवक्ता की गाड़ी लेकर हस्तिनापुर में पहुंचा था। इस गाड़ी को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने बताया है कि घटना वाले दिन वह रोडवेज बस से आया है। अंतिम संस्कार वाले दिन बिजनौर के एक युवक की गाड़ी में बैठा हुआ भी हरीश को देखा गया है। हरीश रोने का वहां पर नाटक कर रहा था, जबकि परिवार के लोग उसको शक की नजर से देख रहे थे। इससे पहले वह वहां से भागता कि पुलिस ने उसको पकड़ लिया।
हस्तिनापुर में डबल मर्डर।

हरीश-डॉली के बयान के बाद जुड़ती गई कड़ी
पुलिस ने बताया कि परिवार के शक के आधार पर हरीश और उसकी पत्नी डॉली से अलग-अलग पूछताछ की गई। डॉली ने बताया कि हरीश सुबह 8:00 बजे नोएडा में अपना मोबाइल घर छोड़ गए थे और शाम 7:00 बजे वापस पहुंचे। हरीश ने घर से 10 बजे अपने दोस्त के यहां जाने की बात कही। पुलिस ने दोनों के बयानों में विरोधाभास के बाद गहनता से पड़ताल की और सीसीटीवी कैमरे की फुटेज समेत कई सबूत मिल गए।

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