किसी भी दोस्ती की शुरुआत तब होती है जब हालात या फिर इंट्रेस्ट एक जैसे हों. इस दोस्ती में भी अपने फ्रेंड को वैसे ही ट्रीट किया जाता
क्या लड़का और लड़की हो सकते ‘सिर्फ दोस्त’? जानिए रोमांस का कितना है चांस
साल 1989 में एक ब्लॉकबस्टर हिंदी फिल्म आई थी, मैंने प्यार किया (Maine Pyaar Kiya), इसमें लीड एक्टर सलमान खान (Salman Khan) और हीरोइन भाग्यश्री के रिश्ते की शुरुआत दोस्ती के जरिए हुई थी जो आगे चलकर प्यार में बदल गई. इस फिल्म का एक फेमस डायलॉग है जो विलेन मोहनीश बहल (Mohnish Bahl) ने दिया था कि ‘एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते.’ भले ही उस दौर में ये बात सच के करीब लग रही थी, लेकिन 33 साल बाद लोगों की सोच काफी हद तक बदल चुकी है.
क्या लड़का और लड़की में दोस्ती मुमकिन है?
बदलते दौर में हमने ऐसी कई मिसालें देखी हैं कि मेल और फीमेल न सिर्फ अच्छे दोस्त रहे हैं, बल्कि कई लोगों ने ये खूबसूरत रिश्ते को जिंदगीभर निभाया है. किसी भी दोस्ती की शुरुआत तब होती है जब हालात या फिर इंट्रेस्ट एक जैसे हों. इस दोस्ती में भी अपने फ्रेंड को वैसे ही ट्रीट किया जाता है जैसा कि आप सेम जेंडर के फ्रेंड्स को करते हैं. हालांकि पुरुष दोस्त अपनी फीमेल फ्रेंड्स से ज्यादा रिस्पेक्टफुली बात करते हैं, क्योंकि महिलाएं असल में मर्दों के मुकाबले ज्यादा सेंसिटिव होती है.
क्या लड़का और लड़की में दोस्ती मुमकिन है?
बदलते दौर में हमने ऐसी कई मिसालें देखी हैं कि मेल और फीमेल न सिर्फ अच्छे दोस्त रहे हैं, बल्कि कई लोगों ने ये खूबसूरत रिश्ते को जिंदगीभर निभाया है. किसी भी दोस्ती की शुरुआत तब होती है जब हालात या फिर इंट्रेस्ट एक जैसे हों. इस दोस्ती में भी अपने फ्रेंड को वैसे ही ट्रीट किया जाता है जैसा कि आप सेम जेंडर के फ्रेंड्स को करते हैं. हालांकि पुरुष दोस्त अपनी फीमेल फ्रेंड्स से ज्यादा रिस्पेक्टफुली बात करते हैं, क्योंकि महिलाएं असल में मर्दों के मुकाबले ज्यादा सेंसिटिव होती है.