केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक बुधवार को गंगा में जलस्तर बढ़ाव की रफ्तार आधा सेंटीमीटर था। घाटों से संपर्क टूटने के बाद अब तटीय इलाकों में भी खतरा बढ़ गया है।
अब गंगा में बुधवार को भी बढ़ाव जारी रहा। बुधवार रात आठ बजे तक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 66.35 सेंटीमीटर रिकार्ड किया गया। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक बुधवार को गंगा में जलस्तर बढ़ाव की रफ्तार आधा सेंटीमीटर था। घाटों से संपर्क टूटने के बाद अब तटीय इलाकों में भी खतरा बढ़ गया है। उधर मणिकर्णिका घाट पर होने वाले शवदाह पर संकट हो गया है। इसकी जगह बदलना पड़ी।
खिड़किया घाट और आदिकेशव घाट पर पानी तेजी से चढ़ रहा है। बाढ़ का पानी देखने के लिए नमो घाट सहित अन्य घाटों पर लोगों की भीड़ लग रही है।
बाढ़ पीड़ितों में गंगा और वरुणा में तीसरी बार आई उफान को लेकर भय व्याप्त है। बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा घाट पर आए तीर्थयात्रियों को परेशानी हो रही है। इसके साथ ही घाट पर जमी मिट्टी पर पानी चढ़ने के कारण कटान की स्थिति बन गई है।
वरुणा पार इलाके में फिर घुसा पानी
राजघाट, प्रह्लाद घाट, रानी घाट, गाय घाट, पंचगंगा घाट, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, चौकी घाट सहित अन्य घाटों पर बाढ़ उतरने के बाद मिट्टी का अंबार लगा हुआ था। इन घाटों पर तीर्थयात्रियों का सबसे ज्यादा दबाव भी है। उधर, बुधवार देर शाम तक नक्खी घाट, पुलकोहना, अमरपुर मढ़िया, शक्कर तालाब, तिनपुलिया सहित वरुणा के तलहटी से सटे दर्जन भर इलाकों में वरुणा का पानी प्रवेश कर गया।
कई इलाकों में रहने वाले लोग अपने गृहस्थी का सामान समेटने में लगे हुए हैं। तिनपुलिया निवासी बाढ़ पीड़ित मोहम्मद इकराम, नसरुद्दीन अंसारी, रेशमा बानो, सबाना, जमील, राजू राजभर, एकलाख ने बताया कि बाढ़ में उनका मकान पूरी तरह से डूब गया था। पानी दोबारा चढ़ने कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है। यही हाल तटवर्ती इलाके में रहने वाले अन्य लोगों का भी है। इन इलाकों में रहने वाले लोग अपने गृहस्थी का सामान समेटने में लगे हुए हैं।
तिनपुलिया निवासी बाढ़ पीड़ित मोहम्मद इकराम, नसरुद्दीन अंसारी, रेशमा बानो, सबाना, जमील, राजू राजभर, एकलाख ने बताया कि बाढ़ में उनका मकान पूरी तरह से डूब गया था। पानी दोबारा चढ़ने कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है। यही हाल तटवर्ती इलाके में रहने वाले अन्य लोगों का भी है।