कोहरे के साथ प्रदूषण में बढौतरी, दमा और सांस के मरीजों को बढी दिक्कतें

कोहरे के साथ प्रदूषण में बढौतरी, दमा और सांस के मरीजों को बढी दिक्कतें

रिपोर्ट–मोहम्मद अरसद
जौनपुर। जिले भर में मंगलवार की रात से अचानक घने कोहरे के साथ वायु के गुणवत्ता बेहद खराब होती हुई बताई गई है। शहर में धूल धुआ की वजह से प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ रहा है। एकयूआई 330 पर पहुंच गया है। बता दें कि घने कोहरे के साथ गंदी हवाओं से दमा और सांस के मरीज को दिक्कतें बढ रहीं हैं। बीते कुछ महिने पहले किसानों को पराली जलाने पर उन पर एफआईआर दर्ज हो रही थी लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद से किसी भी किसान पर एफआईआर दर्ज नहीं होते हुए देखा गया है। कुछ दिन ही पहले उत्तर प्रदेश में बढते प्रदूषण की शिकायतें आ रही थी। ठंड में प्रदूषण में बढौतरी कुछ इस प्रकार होती है क्योंकि ठंड से बचने के लिए आग जलाया जाता है तो लकड़ी के साथ साथ टायर टयूब प्लास्टि को भी जलाकर ठंड से बचाव किया जाता है। वैसे तो लकड़ी के धुएं से कोई नुकसान नहीं है लेकिन प्लास्टिक, टायर, ट्यूब को जलाते समय जो धुएं निकलते हैं उससे हवाओं में खराबी पैदा होती है जिससे प्रदूषण का स्तर बढ जाता है। हर साल लोग ठंड से बचने के लिए लकड़ी की जगह प्लास्टिक, टायर, ट्यूब जलाते है जिसके कारण दमा और सांस के मरीजों को दिक्कत होती है। प्लास्टिक, टायर, ट्यूब से निकला हुआ धुआ शुद्ध वातावरण में घुल कर प्रदूषण को बढावा देने के साथ साथ हजारो लोगों को दमा और खासी, टीवी का मरीज बना देता है। जिले में बढते प्रदूषण को लेकर अभी तक किसी ने भी चिंता नहीं जताई है। लगभग 3 महीने पहले ​ठंड शुरू होने से पहले जिले में प्रदूषण का ग्राफ बढते हुए देखा गया था हर जगहों पर धूल और धुएं दिखाई दे रहें थें। अब 27 दिसंबर से घने को​हरे के साथ प्रदूषण में बढौतरी देखने को मिली है।

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