खजुराहो से SP प्रत्याशी का पर्चा निरस्त, अखिलेश यादव बोले-सरेआम लोकतंत्र की हत्या

भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस से समझौते के तहत खजुराहो लोकसभा सीट से उम्मीदवार समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मीरा दीप नारायण यादव का नामांकन रद्द हो गया है. सपा की मीरा यादव को बीजेपी के उम्मीदवार और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के सामने उतारा था. नामांकन रद्द होने के बाद बीजेपी उम्मीदवार को एक तरह से वॉकओवर मिल गया है.

इस वजह से हुआ नामांकन निरस्त

प्रदेश में दूसरे चरण की लोकसभा सीटों के लिए शुक्रवार को नामांकन पत्रों की जांच की गई. जांच के दौरान जब सपा उम्मीदवार मीरा यादव के नामांकन की जांच की गई तो इसमें उम्मीदवार की अंतिम मतदाता सूची प्रमाणित नहीं पाई गई. खजुराहो सीट से कुल 23 नामांकन पत्र जमा हुए थे. इसमें बीजेपी प्रत्याशी विष्णुदत्त शर्मा ने 4 नामांकन जमा किए थे, जबकि सपा उम्मीदवार ने सिर्फ एक ही नामांकन जमा किया था. उधर नामांकन निरस्त होने के बाद कांग्रेस मौन है, हालांकि वे इसे गलती जरूर मान रहे हैं.

सपा उम्मीदवार मीरा यादव का पर्चा निरस्त

सपा उम्मीदवार मीरा दीप यादव चुनाव मैदान में उतरने वाली पहली बार की उम्मीदवार नहीं हैं. वे मध्यप्रदेश की निवाड़ी विधानसभा से विधायक रह चुकी हैं. उनके पति दीप नारायण सिंह यादव उत्तर प्रदेश के झांसी के गरोठा विधानसभा सीट से दो बार के विधायक हैं. दीप नारायण यादव सपा प्रमुख अखिलेश यादव के काफी करीबी माने जाते रहे हैं. हालांकि दीप नारायण यादव फिलहाल मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद उन्हें 7 माह की जेल की हवा भी खानी पड़ी है. उन्हें हिस्ट्रीशीटर लेखराज सिंह को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के प्रयास में आरोपी बनाया गया था. इस प्रकरण के बाद उन पर आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हुए थे. उनकी 500 करोड़ से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति भी कुर्क की गई है.

अखिलेश बोले ये सरेआम लोकतंत्र की हत्या

मीरा यादव का नामांकन निरस्त होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोध जताया है. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि ‘खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है. कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखने वाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों. ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा. जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं. वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साजिश रचते होंगे. भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी. इस घटना की भी न्यायिक जांच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है.’

सपा ने आखिरी वक्त में बदला था उम्मीदवार

समाजवादी पार्टी ने खजुराहो लोकसभा सीट से पहले मनोज यादव को उम्मीदवार बनाया था लेकिन बाद में मनोज यादव के स्थान पर मीरा यादव को चुनाव मैदान में उतारा गया था. कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत प्रदेश की 29 में से खजुराहो लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ दी थी. कांग्रेस इस सीट को छोड़कर 28 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है.

बीजेपी का गढ़ रही है खजुराहो लोकसभा सीट
खजुराहो लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विष्णु दत्त शर्मा ने बड़े अंतर से कांग्रेस के राजा पटेरिया को हराया था. 2019 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार इस सीट पर चौथे नंबर पर रहे थे. सपा प्रत्याशी को सिर्फ 40 हजार 69 वोट मिले थे.

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