खेतासराय रेलवे स्टेशन पर 6 लाख की कछुआ तस्करी नाकाम: दम्पत्ति गिरफ्तार, 440 किलो माल बरामद
पश्चिम बंगाल भेजे जा रहे थे दुर्लभ प्रजाति के जिंदा और मरे हुए कछुए, तहखाने से भी मिली भारी खेप
जौनपुर।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के खेतासराय रेलवे स्टेशन पर शनिवार को एक अंतरराज्यीय तस्करी रैकेट का पर्दाफाश हुआ। रेलवे स्टेशन पर सक्रिय पुलिस टीम ने तस्कर दम्पत्ति को गिरफ्तार कर उनके पास से करीब 440 किलोग्राम दुर्लभ प्रजाति के जिंदा व मृत कछुए बरामद किए।
इनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 6 लाख रुपये आंकी गई है।
मुखबिर की सूचना पर चली कार्रवाई, दून एक्सप्रेस से पश्चिम बंगाल ले जाने की थी योजना
वन क्षेत्राधिकारी राकेश कुमार के मुताबिक, खेतासराय पुलिस को सूचना मिली थी कि एक तस्कर दम्पत्ति बड़ी खेप के साथ रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाला है। इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर चेकिंग शुरू की और मोतीलाल व उसकी पत्नी ममता, निवासी परवेज़पुर, बलरामपुर (जगदीशपुर, अमेठी) को संदिग्ध हालत में पकड़ा।
पिट्ठू बैग से निकले 60 जिंदा कछुए, फिर हुआ बड़ा खुलासा
तलाशी में उनके बैग से 60 जिंदा कछुए बरामद हुए। सख्त पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि ये कछुए क़ासिमपुर वार्ड निवासी मुस्ताक के घर से लाए जा रहे थे।
पुलिस ने तत्क्षण मुस्ताक के घर पर छापा मारा, जहां तहखाने से 13 बोरों में 102 जिंदा कछुए और बड़ी मात्रा में कछुओं की खालें बरामद की गईं।
मकान मालिक मुस्ताक मौके से फरार हो गया है।
तस्करों पर सख्त कानूनी कार्रवाई
थानाध्यक्ष रामाश्रय राय ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वन विभाग को सूचित कर पूरी प्रक्रिया उनके सहयोग से चल रही है।
पुलिस टीम को मिली बड़ी सफलता
इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में शामिल रहे:
- थानाध्यक्ष: रामाश्रय राय
- उपनिरीक्षक: मो. तारिक अंसारी, अनिल कुमार पाठक
- हेड कॉन्स्टेबल: राजकुमार यादव
- कॉन्स्टेबल: बृजेश मिश्रा, मनीष यादव, सोनू गिरी, धर्मेंद्र यादव सहित अन्य
अधिकारी का बयान
“अवैध वन्य जीवों की तस्करी करने वाले दो दम्पत्ति को खेतासराय रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। उनकी निशानदेही पर एक मकान से और जिंदा कछुए व खाल बरामद की गई है। आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।”
— राकेश कुमार, वन क्षेत्राधिकारी, शाहगंज
यह क्यों है बड़ी खबर?
- जौनपुर जैसे इलाके से अंतरराज्यीय तस्करी का भंडाफोड़
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गंभीर अपराध
- दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की तस्करी का नेटवर्क उजागर
- तहखाने में छिपाकर रखे गए कछुए पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में बरामद
नोट: कछुआ तस्करी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत गंभीर दंडनीय अपराध है, जिसमें जुर्माने के साथ-साथ 7 साल तक की सज़ा का प्रावधान है।

