चीनी मिलों को जाता है 65 फीसदी गन्ना गरीबों की मिठाई पर महंगाई की मार: कम उत्पादन से बढ़ रहे गुड़ के दाम
गरीबों की मिठाई पर महंगाई की मार: कम उत्पादन से बढ़ रहे गुड़ के दाम, चीनी मिलों को जाता है 65 फीसदी गन्ना-
- सार
- गन्ना विभाग ने गन्ना सर्वे पूरा कर लिया है। इस साल गन्ने का रकबा छह प्रतिशत बढ़कर लगभग 27,80,000 हेक्टेयर हो गया है।
- पूरे प्रदेश में गन्ना पेराई के नए सत्र की तैयारी चल रही है।
- ऐसे में जहां चीनी मिलों में इसकी तैयारी को लेकर उत्साह है तो वहीं गुड़ उद्योग भी तैयारियों में जुट गया है।

विस्तार
पूरे प्रदेश में गन्ना पेराई के नए सत्र की तैयारी चल रही है। हालांकि गुड़ इंडस्ट्री को बढ़ाने पर सरकार को जोर है।‘गुरु गुड़ ही रह गए और चेले शक्कर हो गए’ यह कहावत अब चरितार्थ नहीं हो रही है। कारण, गुड़ का कम होता उत्पादन लगातार इसका दाम बढ़ा रहा है। पर 65 प्रतिशत से ज्यादा गन्ना चीनी मिलों को जाने के कारण शेष ही कोल्हू पर जा रहा है। उधर, नए सत्र में एक बार फिर गुड़ इंडस्ट्री को बढ़ाने की कवायद शुरू हुई है लेकिन इस उद्योग से जुड़े कारोबारी कहते हैं, सही तरीके से प्रयास नहीं हो रहे हैं।
इस साल गन्ने का रकबा छह प्रतिशत बढ़कर लगभग 27,80,000 हेक्टेयर हो गया हैगन्ना विभाग ने गन्ना सर्वे पूरा कर लिया है। ऐसे में जहां चीनी मिलों में इसकी तैयारी को लेकर उत्साह है तो वहीं गुड़ उद्योग भी तैयारियों में जुट गया है।