इन दिनों नीतीश कुमार अनमोल हो गए हैं विपक्ष के लिए. जब से उन्होंने खेमा बदला है, भाजपा का साथ छोड़ जदयू का दामन थामा है, ओपोजिशन लीडर्स उनकी तारीफ़ करते थकते नहीं है. इस सिलसिले में आज एक अहम हलचल बिहार में रहने वाली है. जहां तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे करेंगे. वैसे तो केसीआर का ये दौरा गलवान घाटी में शहीद हुए बिहार के सैनिकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक ममद देने को लेकर है.
साथ ही, उन 12 मजदूरों के परिजनों को भी पांच-पांच लाख रुपये की सहायता देने की बात है जिनकी सिंकदराबाद में मौत हो गयी थी. लेकिन रिपोर्ट्स हैं कि नीतीश कुमार के साथ मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई राजनीतिक मुद्दों और अगले लोकसभा के मद्देनजर स्ट्रेटजी बनाने को लेकर बातचीत हो सकती है. क्यों अहम है ये मुलाकात और इन दोनों नेताओं की चाह क्या है?
बग़ावत का डर .कांग्रेस को फिर है
कांग्रेस, एक ओर भारत जोड़ो यात्रा की ओर बढ़ रही है. दूसरी ओर अपना अध्यक्ष अक्टूबर में चुनने की तैयारी में है. लेकिन इन दोनों के बीच कांग्रेस के कुछ सीनियर लीडर्स के बयान हैं, जो कांग्रेस के भीतर खलबली मचाए हुए है.
ग़ुलाम नबी आज़ाद के पार्टी छोड़ने और उसके बाद उनके बयान से ख़ासकर राहुल गांधी के इर्द-गिर्द, पहले से ही पार्टी की किरकिरी हो रखी है कल इसी बीच हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण की मुलाकात के बाद एक और बग़ावत की बात होने लगी.आनन्द शर्मा जो हिमाचल प्रदेश कांग्रेस से आते हैं, पहले ही तल्ख़ी दिखा चुके हैं. तो ग़ुलाम नबी आज़ाद से इन नेताओं की मुलाकात को कैसे लेना चाहिए, क्या कांग्रेज़ के लिए ये मुलाकात परेशानी बढ़ाने वाली है?
अब इराक में क्यों भड़की हिंसा
इराक़ की की राजधानी बगदाद में शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने जैसे ही राजनीति से संन्यास का एलान किया इराक़ की की राजधानी बगदाद में शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने जैसे ही राजनीति से संन्यास का एलान किया तो उनके समर्थक बेकाबू हो गए. फिर बगदाद पर ख़ासकर.वहां का जो ग्रीन ज़ोन है,
जहां सरकारी भवन, दूसरे देशों के दूतावास हैं, वहां प्रदर्शनकारियों का कब्जा हो गया. इराक़ की सेना ने कार्रवाई की, खूनी झड़प हुई 30 से अधिक लोगों के मरने और करीब 700 लोगों के ज़ख्मी होने की ख़बर है अब तक. क्यों हुआ ये सब कुछ और ये मुक्तदा अल-सद्र कौन हैं? पूछा मैंने सीनियर फॉरेन पॉलिसी एक्सपर्ट क़मर आगा से