जानिए सॉफ्टवेर क्या होता है ? यह कितने प्रकार के होते हैं Software kya hai hindi
जानिए सॉफ्टवेर क्या होता है ? यह कितने प्रकार के होते हैं Software kya hai hindi
सॉफ्टवेर प्रोग्राम का समुह होता है जिसके माध्यम से कंप्यूटर टास्क को परफॉर्म करते है. कंप्यूटर के वे सभी भाग जिन्हें देख सकते है लेकिन छू नहीं सकते उन्हें कंप्यूटर सॉफ्टवेर कहा जाता है. उदाहरण:- MS Office, एंटीवायरस, नोटपैड, वर्डपैड इत्यादि।
सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर और मोबाइल की बुद्धि या विवेक शक्ति कहा जा सकता है। इसके द्वारा कंप्यूटर या मोबाइल तरह तरह के कार्यों को सम्पादित करने के योग्य हो पाता है। जिस प्रकार किसी मनुष्य के शरीर से उसकी बौद्धिक क्षमता को निकाल दिया जाय तो वह शरीर कोई कार्य नहीं कर सकता ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर और मोबाइल भी बिना सॉफ्टवेयर के कोई कार्य नहीं कर सकते।
वास्तव में सॉफ्टवेयर डेटा या कमांड्स और इंस्ट्रक्शंस का एक संग्रह होता है जो कंप्यूटर को निर्देश देता है कि कैसे कार्य करना है। सॉफ्टवेयर में कंप्यूटर प्रोग्राम, लाइब्रेरी और सम्बंधित नॉन एक्सेक्यूटबल डेटा आदि का संग्रह होता है। इसमें कंप्यूटर सिस्टम, प्रोग्राम और डेटा द्वारा संसाधित सभी तरह की सूचनाएं होती हैं।
सॉफ्टवेयर का कोई भौतिक वजूद नहीं होता है। यह वर्चुअल प्रोग्रामों का संग्रह होता है जिसे प्रोगरामिंग भाषा में बनाया जाता है। वैसे तो कंप्यूटर सिर्फ मशीन लैंग्वेज को ही समझता है इसलिए complier या इंटरप्रेटर का प्रयोग करके प्रोग्रामिंग भाषा को मशीन की भाषा में बदला जाता है।
सॉफ्टवेयर का इतिहास
Ada Lovelace को सॉफ्टवेयर का जनक माना जाता है। उन्होंने 19 वीं शताब्दी में बर्नौली नंबरों की गणना दिखाने के लिए एल्गोरिदम के लिए सबसे पहले एक सॉफ्टवेयर तैयार किया था। इन्हे विश्व का पहला कंप्यूटर प्रोग्रामर माना जाता है। कंप्यूटर के अविष्कार के बहुत पहले 1935 में सॉफ्टवेयर के बारे में पहला सिद्धांत एलन टूरिंग के द्वारा दिया गया। उन्होंने कम्प्युटेबल नंबर्स पर अपने निबंध Application to the Entscheidungsproblem में सॉफ्टवेयर का पहला सिद्धांत दिया। 1946 के पूर्व तक सॉफ्टवेयर को मेमोरी में स्टोर करके नहीं रखा जाता था। सॉफ्टवेयर शब्द का पहला प्रयोग रिचर्ड आर करहार्ट के रैंड कारपोरेशन रिसर्च मेमोरंडम में अगस्त 1953 में मिलता है जो कि इंजीनियरिंग सन्दर्भ में किया गया था।
सॉफ्टवेयर के प्रकार
सॉफ्टवेयर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर :
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को बेसिक ऑपरेशन से परे कुछ विशेष कार्यों जैसे मनोरंजन आदि को सम्पादित के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा यूजर कंप्यूटर में इच्छित कार्य कर पाता है। वास्तव में यही सॉफ्टवेयर कंप्यूटर और यूजर को जोड़ने का कार्य करता है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के द्वारा ही हम कंप्यूटर द्वारा कोई कार्य ले पाते हैं यानि उसका उपयोग कर पाते हैं। MS Word , MS Exel , MS Power Point आदि इसी तरह के सॉफ्टवेयर हैं।
यूटिलिटीज : ये सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के मेंटेनेंस, केयर और सुरक्षा का कार्य करते हैं। एंटी वायरस इसी प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है।
Malicious सॉफ्टवेयर या Malware :
ये सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के लिए या हैक करने के लिए बनाये जाते हैं। कंप्यूटर वायरस इसी प्रकार के सॉफ्टवेयर होते हैं।