जौनपुर:मड़ियाहूं पूर्व विधायक डॉ लीना तिवारी के मीडिया प्रतिनिधि पोल खोल नामक सोशल मीडिया पर कमेंट करने के आरोप में भेजे गए जेल
जौनपुर:मड़ियाहूं पूर्व विधायक डॉ लीना तिवारी के मीडिया प्रतिनिधि पोल खोल नामक सोशल मीडिया पर कमेंट करने के आरोप में भेजे गए जेल
जौनपुर। मड़ियाहूं विधानसभा के अपना दल एस के पूर्व विधायक की मीडिया प्रतिनिधि वर्तमान विधायक के कार्यों पर पोल खोल नामक सोशल मीडिया पर भद्दी भद्दी कमेंट किए जाने पर पुलिस ने शांति भंग करने में चालान कर उप जिलाधिकारी के सामने पेश किया।
हाईटेक ड्रामा के साथ रात 9:00 बजे उप जिलाधिकारी ने जमानत के लिए प्रस्तुत कागजात को खारिज करते हुए वारंट बनाकर मीडिया प्रतिनिधि को जेल भेज दिया।
जिसको लेकर पूर्व विधायक के खेमे में खलबली मची हुई है। इस दौरान मीडिया से पूर्व विधायक दूर रही लेकिन कहा कि है कि सुबह इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।
मड़ियाहूं विधानसभा के अपना दल एस के पूर्व विधायक डॉ लीना तिवारी के मीडिया प्रभारी अनुराग मिश्रा ने 1 हफ्ते पूर्व सोशल मीडिया पर वर्तमान विधायक डॉ आर के पटेल पर उंगली उठाते हुए सोशल मीडिया पर जमकर कमेंट किया था।
जिसके बाद विधायक के समर्थकों को यह कमेंट नागवार लगा। उन्होंने मड़ियाहूं कोतवाली में नामजद लिखित तहरीर दिया की फेसबुक पर पोल खोल नामक फर्जी आईडी के सहारे विधायक पर भद्दी भद्दी कमेंट लिखी जा रही है
और जनता को भ्रमित करने का कार्य सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है।
तहरीर पाते ही मड़ियाहूं कोतवाली पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत एनसीआर कायम करते हुए मंगलवार को सुरेरी थाना क्षेत्र निवासी ग्रामसभा नोनरा के कोहड़उरा गांव निवासी अनुराग मिश्रा को पूछताछ के लिए मड़ियाहूं कोतवाली बुलाया
जहां पर पुलिस ने पूछताछ के बाद देर शाम धारा 151 के तहत शांति भंग का आरोप लगाते हुए चालान उपजिलाधिकारी की अदालत में कर दिया।
शाम 6:00 बजे कोतवाली पुलिस पूर्व विधायक डॉ लीना तिवारी के मीडिया प्रतिनिधि अनुराग मिश्रा को लेकर पहुंची जहां पर अनुराग मिश्रा के अधिवक्ता तहसील के पूर्व महामंत्री गुलाब दुबे ने जमानत के कागजात को उपजिलाधिकारी कोर्ट में दाखिल किया।
उप जिलाधिकारी ने जमानत देने से इंकार कर दिया। लेकिन तहसील परिसर में पूर्व विधायक डॉ. लीना तिवारी अपने समर्थकों के साथ आ डटी।
काफी दबाव के बाद भी उपजिलाधिकारी मड़ियाहूं अर्चना ओझा 9:00 बजे कोर्ट में पहुंचकर विद्वान अधिवक्ता गुलाब दुबे के तर्को को सुनते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया और वारंट बना कर जेल भेज दिया।
वही पीड़ित पूर्व विधायक के मीडिया प्रतिनिधि अनुराग मिश्रा ने कहा कि मैंने कोई फर्जी आईडी नहीं बनाया है न हीं मैंने कमेंट किया है।
मुझे राजनीति के तहत बदनाम करने की साजिश की जा रही है।
इस संबंध में क्षेत्र अधिकारी अशोक कुमार सिंह ने कहा कि लायन आर्डर को देखते हुए चालान किया गया था जहां से माननीय उप जिलाधिकारी की कोर्ट ने जेल भेज दिया है।