जौनपुर।शुचि मिश्रा को मिला सी0वी0 रामन युवा कविता पुरस्कार, समारोह में कविता संग्रह ‘पृथ्वी झुकी है’ का हुआ विमोचन
जौनपुर।शुचि मिश्रा को मिला सी0वी0 रामन युवा कविता पुरस्कार,
समारोह में कविता संग्रह ‘पृथ्वी झुकी है’ का हुआ विमोचन
तेजीबाज़ार।स्थानीय क्षेत्र के मितावाँ गावँ निवासी अशोक कुमार मिश्रा (एडवोकेट) की पुत्री युवा कवयित्री शुचि मिश्रा को उनकी कविता ‘पृथ्वी झुकी है’ पर सर सी वी रामन युवा कविता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल नगरी में हुए एक भव्य समारोह में उनके कविता संग्रह ‘पृथ्वी झुकी है’ का लोकार्पण हुआ।
जिसमें रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा आयोजित विश्वव्यापी कार्यक्रम ‘विश्व रंग’ के अंतर्गत ‘विज्ञान पर्व’ में ख्यात कवि-कथाकार संतोष चौबे, वरिष्ठ विज्ञान लेखक देवेंद्र मेवाड़ी, अरविंद मिश्र, सूर्यनाथ सिंह, समीर गांगुली, मोहन सगोरिया, मनीष मोहन गोरे, अरविंद रानाडे और प्रमोद भार्गव ने इस कृत्ति का विमोचन किया।
संचालन करते हुए कवि संपादक मोहन सगोरिया ने कहा कि शुचि मिश्रा का कृतित्व उनके व्यक्तित्व का ही पर्याय है। उनकी कविताओं में एक विरल शुचिता के साथ वैज्ञानिकता और तार्किकता का समावेश है।
शुचि मिश्रा के कविता पाठ के दौरान वरिष्ठ कवि और ‘दुनिया इन दिनों’ के संपादक सुधीर सक्सेना ने कहा कि शुचि की कविता हमारे जीवन और दुनियादारी की कविता है, वह अकारण अमूर्त में नहीं धँसती और सामयिक विषयों को वे अपनी कविता में अभिव्यक्त करती हैं।
पिछले दशक में आए संग्रह में युवा कवियों को देखें तो शुचि मिश्रा का यह संग्रह सबसे महत्वपूर्ण संग्रह है। ज्ञात हो कि शुचि मिश्रा ने दहेज, कविता, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास एवं युवाओं पर तमाम तरह की रचनाओं को लिखकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है।
विज्ञान पर्व के इस आयोजन में शुचि मिश्रा को ‘सर सी वी रामन’ युवा विज्ञान कविता पुरस्कार’ से अलंकृत किया गया। उन्हें पुरस्कार स्वरूप स्मृति चिन्ह और ₹11000/₹ की राशि प्रदान की गई।
गौरतलब है कि इसी कविता पर उन्हें सिंगापुर का प्रसिद्ध ‘कविताई प्रथम पुरस्कार’ मिल चुका है।
साहित्य जगत की कई हस्तियों ने शुचि मिश्रा के उज्जवल भविष्य की कामना की है। इस अवसर पर कवि बलराम गुमास्ता, प्रज्ञा रावत, संवेदना रावत, सरिता अंजनी ‘सरस’, पंखुरी सिन्हा, सफिया सिद्धकी सहित कई रचनाकार और कवयित्री उपस्थित थीं।
आपकी जानकारी के लिए बताना चाहूंगा कि शुचि मिश्रा बहुत ही शांत स्वभाव व व्यवहारकुशल है, हिंदी,अंग्रेजी भाषा से अत्यधिक लगाव रखती है, किसान परिवार में पली बढ़ी है, ये शिक्षित व सामाजिक परिवार से है, इनके पिता सम्मानित एडवोकेट है और दादा स्व0 कैलाश नाथ मिश्रा कलकत्ता में बतौर अध्यापक रहे है।
इस पुरस्कार से अलंकृत होने की सूचना मिलते ही गावँ में खुशी की लहर दौड़ पड़ी सगे संबंधियों व नात-रिश्तेदारों का फोन पर बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है।
परिवार के समाजसेवी सभाजीत मिश्रा, शोले, आमोद मिश्रा, नीलम मिश्रा, सन्दीप गुप्ता पत्रकार, विधायक मिश्रा सहित गावँ वालों ने खुशी व्यक्त करते हुए बधाई दी है।