जौनपुर में कफ सिरप कांड का बड़ा भंडाफोड़
तीन मेडिकल स्टोर निशाने पर, 1.86 लाख बोतलें बिना पर्चे बिकीं; करोड़ों का नशा कारोबार बेनकाब
जौनपुर। जिले में कोडीनयुक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार का एक और बड़ा खुलासा स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया है। औषधि निरीक्षक रजत कुमार की जांच रिपोर्ट ने जिले में सक्रिय एक संगठित नशा नेटवर्क की पोल खोल दी है। जांच में सामने आया कि दिल्ली की फर्म मेसर्स वान्या इंटरप्राइजेज से भारी मात्रा में भेजी गई कफ सिरप की सप्लाई को जौनपुर की तीन मेडिकल एजेंसियों ने नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए नशे के सौदागरों तक पहुंचाया।
तीन मेडिकल फर्में जांच के घेरे में
जांच में जिन तीन फर्मों के नाम सामने आए हैं, वे जिले के प्रमुख कारोबारी क्षेत्रों में स्थित हैं—
- आकाश मेडिकल एजेंसी, चितरसारी
- शिवम् मेडिकल एजेंसी, रामपुर (पदुमपुर)
- मनीष मेडिकल एजेंसी, विशेषरपुर
इन फर्मों पर आरोप है कि इन्होंने अपने लाइसेंस का गलत इस्तेमाल करते हुए कफ सिरप को दवा नहीं, बल्कि नशा बनाने का जरिया मानकर बाजार में बड़ी मात्रा में सप्लाई किया।
अवैध कफ सिरप सप्लाई का बड़ा खेल उजागर
औषधि विभाग की जांच में सबसे बड़ा खुलासा यह रहा कि इन तीनों फर्मों ने मिलकर 1,86,475 बोतलें ESKUP कफ सिरप (100ml) बिना किसी चिकित्सकीय पर्चे और बिना निर्धारित बही-खातों में दर्ज किए बेचीं।
बाजार में इनकी अनुमानित कीमत करीब 2.61 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
जांच में यह भी पता चला कि
- नकली और अपूर्ण बिलिंग की गई,
- डॉक्टर के पर्चे की अनदेखी की गई,
- स्टॉक बुक में हेराफेरी की गई,
- और कफ सिरप को दलालों के जरिये नशे के आदी युवाओं को बेचा गया।
अधिकारियों के अनुसार कफ सिरप का यह पूरा कारोबार जिले में सक्रिय नशा गिरोहों की मिलीभगत से चलता रहा।
औषधि निरीक्षक की कार्रवाई—एफआईआर दर्ज, कागज़ात जब्त
औषधि निरीक्षक रजत कुमार ने बताया कि तीनों मेडिकल फर्मों और उनके संचालकों के खिलाफ संबंधित थानों में प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है। साथ ही,
- स्टॉक बुक,
- बिलिंग रिकॉर्ड,
- परिवहन दस्तावेज
जब्त कर लिए गए हैं और मामले को सक्षम न्यायालय में भेज दिया गया है।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कफ सिरप की सप्लाई चेन जिले से बाहर तक फैली हो सकती है। इसलिए यह रिपोर्ट लखनऊ मुख्यालय भेजते हुए उच्च जांच एजेंसियों को भी मामले से अवगत कराया गया है।
बड़ा मेडिकल माफिया नेटवर्क सक्रिय होने के संकेत
सूत्रों के मुताबिक यह केवल एक मामला नहीं, बल्कि पूर्वांचल में फैले एक बड़े मेडिकल माफिया नेटवर्क की कड़ी है। जांच टीम अब जिले की अन्य मेडिकल एजेंसियों की स्टॉक बुक, बिलिंग और पिछले छह महीनों के लेनदेन की भी गहन जांच कर रही है।
संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में कई और मेडिकल स्टोर इस जाल में फंस सकते हैं।
जिले में नशे का कारोबार प्रशासन के लिए चुनौती
जौनपुर में कफ सिरप के नाम पर चला यह करोड़ों का छलावा न केवल कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृत्ति को भी बढ़ावा दे रहा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि कोडीनयुक्त कफ सिरप की मांग अचानक बढ़ने की शिकायतें काफी समय से मिल रही थीं, लेकिन पहली बार इतने बड़े पैमाने पर ठोस आंकड़े हाथ लगे हैं।
जिला प्रशासन ने अब इस पूरे प्रकरण को विशेष निगरानी में रखने का निर्णय लिया है। आगे की कार्रवाई में और बड़े खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है।


