नई दिल्ली – केस ढोते-ढोते पिता चल बसे, माँ रहती हैं बीमार : दिल्ली दंगों में पहली सज़ा दिनेश यादव को, गरीब परिवार ने कहा – घूस न देने पर फँसाया

नई दिल्ली – फरवरी 2020 में हुए दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में 20 जनवरी, 2022 को पहली सज़ा सुनाई गई है। गोकुलपुरी थाना क्षेत्र के भागीरथी विहार में रहने वाले दिनेश यादव को कड़कड़डूमा कोर्ट ने दोषी पाया है। उन्हें 5 साल की सज़ा और 12,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

6 दिसंबर 2021 को एडिशनल सेशन जज वीरेंद्र भट ने दिनेश यादव को दोषी करार दिया था। दिनेश यादव पर मुस्लिम समुदाय की 73 वर्षीया एक वृद्धा के मकान में आगज़नी करने और उनकी भैंस और उसका बच्चा भी खोल ले जाने का आरोप था।

दिनेश का घर गोकुलपुरी क्षेत्र के नाले से हो कर जाता है। संकरी गलियों से होते हुए हम दिनेश यादव के 22 नंबर मकान E ब्लॉक पहुँचे। घर का लैंडमार्क ध्रुव पब्लिक स्कूल है। कॉलोनी मध्यम निम्न वर्गीय लोगों की है। अधिकतर लोग यहाँ मजदूरी या छोटी मोटी नौकरी के माध्यम से जीवन यापन कर रहे हैं। दिनेश यादव के मकान में प्लास्टर नहीं हुआ है। घर के आगे नीले रंग का गेट लगा मिला।


दिनेश यादव का मकान लगभग 35 फिट लंबा और 15 फिट चौड़ा है। इसमें कुल 3 छोटे – छोटे कमरे हैं। छत पर एक कमरा उनके बड़े भाई हरीश यादव का है। दिनेश यादव के घर के अंदर की दीवालों पर हनुमान, कृष्ण की पेंटिंग वाले चित्र हैं। घर वालों ने चित्रों को खुद दिनेश द्वारा बनाया गया बताया। दीवाल पर किया पेंट कई जगहों पर उधड़ता दिखाई दिया।

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