नागेश जैसे भारी तादात में बेरोगार फसे है शिक्षा माफियाओं के चंगुल में, इन पर भी चलना चाहिए बाबा का बुलडोजर
नागेश जैसे भारी तादात में बेरोगार फसे है शिक्षा माफियाओं के चंगुल में, इन पर भी चलना चाहिए बाबा का बुलडोजर
जिसने देखी बच्चों की लाश उसके रुक नहीं रहे आंसू
रिपोर्ट-अशोक कुमार दुबे
जौनपुर। शिक्षा माफियाओं के शिकार एक युवक ने आज अपने पूरे परिवार को मौत की नींद सुलाने के बाद खुद सूली पर लटक गया। यह सनसनीखेज वारदात ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। भारी संख्या में ऐसे बेरोजगार सफेदपोश शिक्षा माफियाओं के चंगुल में फंसे हुए है।
सरकारी नौकरी पाने की लालच में किसी ने अपनी जमीन बेचकर तो किसी ने कर्ज लेकर पैसा शिक्षा माफियाओ को दिया है। कई वर्षो से ये भोलेभाले लोग सुबह शाम उनके दरो का चक्कर काट रहे है इसके बावजूद नौकरी मिलना तो दूर की बात पैसे भी वापस नही मिल पा रहा है।
शिक्षा जगत से जुड़े कई लोगो ने बताया कि ऐसे कई शिक्षा माफिया है जो स्कूलों में बाबू चपरासी की नियुक्ति शासन से रोक बाद भी स्कूलों में नौकरी दिलाने के नाम पर पैसा ले रखा है। भू-माफियाओं की तरह शिक्षा माफियाओं पर भी योगी बाबा का बुलडोजर चलना चाहिए।
मड़ियाहूं थाना क्षेत्र के जयरापुर गांव के निवासी नागेश विश्वकर्मा ने जूनियर हाईस्कूल में चपरासी की नौकरी पाने की लालच में अपने एक रिश्तेदार के माध्यम से स्कूल प्रबंधक को सात रूपये दिया था।
प्रबंधक न तो नौकरी दे सका न ही उसका पैसा वापस किया जिसके कारण नागेश पत्नी व तीन बच्चो की कपड़े से गलकर मारने के बाद खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। नागेश जैसे भारी संख्या में बेरोजगार नौकरी पाने की लालच में जमीन बेचकर व कर्ज लेकर शिक्षा माफियाओं को पैसा दिया है।
ऐसे शिक्षा माफियाओ के खिलाफ सरकार से सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है
इस मामले पर कार्यरत माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह ने बताया कि शासन ने सन् 2010 से चपरासी तथा सन् 2017 से लिपिक पद की नियुक्ति का अधिकार स्कूल के प्रबंधको से छिन लिया है। अब सभी नियुक्तियां शासन द्वारा निर्धारित एनजीओ करेंगी।
शासनादेश के बाद भी शिक्षा माफियाओं की साठगांठ से कुछ प्रबंधक नियुक्ति के नाम पर बेरोगारो को भरमाकर पैसा ले रखा है कुछ अभी ले रहे है। रमेश सिंह ने ऐसे शिक्षा माफियाओ के खिलाफ सरकार से सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग किया है।