निर्भया कांड के बाद पाक्सो एक्ट हुआ और प्रभावी: आशीष वर्मा

निर्भया कांड के बाद पाक्सो एक्ट हुआ और प्रभावी: आशीष वर्मा

“पाक्सो एक्ट की प्रायोज्यता: प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के संबंध में” हुई संगोष्ठी

दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान और मिशन शक्ति ने मनाया संविधान दिवस

संविधान की प्रति विद्यार्थियों को दिखाई गई

रिपोर्ट-मोहम्मद अरसद

जौनपुर । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान और मिशन शक्ति की ओर से रविवार को संविधान दिवस का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर “पाक्सो अधिनियम की प्रायोज्यता: प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के संबंध में” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह, मुख्य अतिथि अपर जिला जज पाक्सो आशीष वर्मा ने विश्वविद्यालय में अंबेडकर प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आशीष वर्मा ने कहा कि पाक्सो अधिनियम के अंतर्गत जो आपराधिक घटनाएं आती हैं वह पहले भी भारतीय दंड संहिता के दायरे में न्यायालयों में सुने भी जाते थे निर्णय भी होते थे।

निर्भया कांड के बाद बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध को रोकने की दृष्टि से पाक्सो के माध्यम से कानून को और अधिक प्रभावी बनाया गया । उन्होंने कहा कि बच्चों के प्रति होने वाले यौन अपराध में होने वाली सजा के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है जिसके चलते पाक्सो अधिनियम में ज्यादातर मामले दर्ज नहीं हो रहे हैं। अगर हम अपने परिवार और समाज में पाक्सो के तहत होने वाली सजा के बारे में जागरूक करें और यौन शोषण के विषय में खुलकर चर्चा करें और उसके नकारात्मक पहलुओं को अपने परिवार में समाज में बच्चों तक पहुंचाएं तो बच्चों के प्रति होने वाले आपराधिक मामलों में निश्चित रूप से कमी आएगी। इसके पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ वनिता सिंह ने विषय प्रवर्तन व अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि न्यायाधीश आशीष वर्मा और समाजसेवी प्रदीप मिश्र को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। विभाग के छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर देवराज सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। वर्ष 2023 बैच की गोल्ड मेडलिस्ट छात्रा कोमल वर्मा को विभाग द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ अनुराग मिश्र, मंगला प्रसाद यादव, डॉ सुनील कुमार, डॉ प्रियंका सिंह, श्री प्रकाश यादव, राजित राम सोनकर, डॉ.अंकित कुमार, डॉ.दिनेश कुमार सिंह, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ.इंद्रजीत सिंह आदि उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन अभिनव कीर्ति पांडेय द्वारा किया गया।
इस बीच पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्देशित मिशन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत रविवार को संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि 26 नवंबर 1949 का वह ऐतिहासिक पल था जब स्वतंत्र भारत की संविधान सभा ने संविधान को विधिवत रूप से अपनाया। विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय में भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई संविधान की प्रति देखी। डॉ. विद्युत् मल ने विस्तार से संविधान के बारे में बताया। मिशन शक्ति की समन्वयक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं को संविधान में पुरुषों के समान ही मौलिक स्वतंत्रता तथा अधिकार दिए गये हैं. संविधान के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को निषेध किया गया है।
इस अवसर पर डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. शशिकांत, डॉ. राजीव कुमार, डॉ आशीष गुप्ता, डॉ विजय बहादुर मौर्य, डॉ. पूजा सक्सेना, डॉ. झाँसी मिश्रा, जया शुक्ला समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

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