प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने का एक आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र तरीका होगा.

पीएम-श्री योजना? कैसे इस स्कीम के तहत 14,500 स्कूलों को किया जाएगा अपग्रेडनई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना की घोषणा की. इसके तहत देश भर में 14,500 स्कूलों को विकसित व उन्नत किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने का एक आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र तरीका होगा. उनके मुताबिक इसके जरिए नवीनतम तकनीक, स्मार्ट क्लास, खेल और आधुनिक अवसंरचना पर भी खास ध्यान दिया जाएगा.

 

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस योजना को पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) कहा जाएगा. इसके तहत, एनईपी, 2020 की प्रमुख विशेषताओं को दर्शाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 14,500 स्कूलों का अपग्रेड किया जाएगा. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक गुजरात के गांधीनगर में जून में शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के दौरान इस योजना पर सबसे पहले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों के साथ चर्चा की गई थी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तब कहा था कि राज्यों के परामर्श से इस पहल को आगे बढ़ाया जाएगा.

स्कूली शिक्षा में एनईपी की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?

एनईपी अलग-अलग चरणों में विभाजित एक शिक्षण शैली की परिकल्पना करता है – मूलभूत, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक. मूलभूत वर्षों (पूर्व-विद्यालय और ग्रेड I, II) में खेल-आधारित शिक्षा शामिल होगी. प्रारंभिक स्तर (III-V) पर, कुछ औपचारिक कक्षा शिक्षण के साथ हल्की पाठ्यपुस्तकों को पेश किया जाना है. विषय शिक्षकों को मध्य स्तर (VI-VIII) पर पेश किया जाना है. माध्यमिक चरण (IX-XII) प्रकृति में बहु-विषयक होगा जिसमें कला और विज्ञान या अन्य विषयों को शामिल किया जाएगा.

केंद्र प्रायोजित योजना क्या है?

केंद्र प्रायोजित योजना वो है जहां कार्यान्वयन की लागत केंद्र सरकार और राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के बीच 60:40 के अनुपात में बांटा जाता है. उदाहरण के लिए, मिड डे मिल योजना (पीएम पोषण) या पीएम आवास योजना केंद्र प्रायोजित योजना हैं. पूर्वोत्तर राज्यों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और बिना विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों के मामले में, केंद्र का योगदान 90 प्रतिशत तक जा सकता है.

PM SHRI स्कूल केंद्रीय विद्यालयों या जवाहर नवोदय विद्यालयों से कैसे अलग होंगे?

केन्द्रीय विद्यालय या जवाहर नवोदय विद्यालय पूरी तरह से केंद्र के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं. वे केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के तहत केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से फंड किए जाते हैं. जबकि केवी बड़े पैमाने पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को लेते हैं.

देश के ग्रामीण हिस्सों में प्रतिभाशाली छात्रों के लिए जेएनवी की स्थापना की गई थी. इसके विपरीत, पीएम श्री स्कूल केंद्र, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और स्थानीय निकायों द्वारा संचालित मौजूदा स्कूलों का अपग्रेड होगा. इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि पीएम श्री स्कूल या तो केवी, जेएनवी, राज्य सरकार के स्कूल या यहां तक ​​कि नगर निगमों द्वारा संचालित हो सकते हैं

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