प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के मसले पर केवल वैध छात्रों से वार्ता करने के कुलपति के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। इविवि छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष और सपा नेत्री ऋचा सिंह का कहना है कि समस्या के हल में जो भी सहायता देना चाहे उसका स्वागत होना चाहिए। आंदोलन को अराजक कहने वाले स्वयं अलोकतांत्रिक मानसिकता के शिकार हैं। इलाहाबाद में फीस वृद्धि पर आंदोलन को पूरे देश का समर्थन मिल रहा है।
क्या वह पूरा देश या फिर तमाम संगठन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र हैं, जो आंदोलनकारियों के साथ खड़े हैं? इस तरीके की भाषा इविवि की तानाशाही पूर्ण रवैया को प्रदर्शित ही नहीं करती बल्कि इस बात का प्रमाण है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्याओं का हल नहीं चाहता।
वहीं दूसरी ओर अनशन कर रहे अजय यादव का कहना है कि वार्ता के लिए जो सूची विश्वविद्यालय प्रशासन को दी गई है उनमें कई छात्र इविवि पीजी प्रवेश में सफल हैं और प्रवेश के समय फीस उन्ही को चुकानी होगी। ऐसे में उनकी बात न सुनना नाइंसाफी होगी।