प्रेमिका ने पूना जाने से मना किया तो प्रेमी ने कर दी हत्या, शव कुएं में फेंका
प्रेमिका ने पूना जाने से मना किया तो प्रेमी ने कर दी हत्या, शव कुएं में फेंका
वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर शव को कुएं में फेंक दिया था. प्रेमी ने हत्या सिर्फ इस वजह से कर दी थी क्योंकि प्रेमिका उसे पूना जाने से रोक रही थी. पुलिस ने गुरुवार को प्रेमिका की हत्या में अभियुक्त मुबारक उर्फ शहनवाज़ शेख को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, उसके कब्जे से 02 मोबाइल फोन और प्रेमिका का सामान भी बरामद किया है. फिलहाल, इस मामले में थाना चोलापुर पुलिस आवश्यक विधिक कार्रवाई कर रही है.
वहीं, इस संबंध में चोलापुर थाने के प्रभारी निरीक्षक राजेश त्रिपाठी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त मुबारक उर्फ शहनवाज शेख ने पूछताछ में बताया है कि, वह लड़की से पिछले 05 सालों से प्यार करता था. लड़की(मृतका) की बड़ी बहन की शादी मुबारक के चचेरे भाई से हुई थी. जिसकी वजह से मुबारक का लड़की के घर आना-जाना लगा रहता था. इस दौरान दोनों में प्रेम हो गया. लेकिन परिवार वाले दोनों की शादी कराने के लिए राजी नहीं थे.
अभियुक्त मुबारक ने आगे बताया कि 9 जुलाई को उसने प्रेमिका से मोबाइल से बात की थी. इसके बाद मुबारक अपने घर से निकल कर बस से आयर बाजार पहुंचा. जहां पर पहले से मौजूद प्रेमिका ने बताया कि वह अपने अब्बा को खाना देने के बाद शहीद बाबा के मजार के पास बने कुंए के पास मिलेगी. इसके बाद मुबारक दिन में करीब 2 बजे मजार के पास बने कुंए के पास पहुंच गया. यहां पर उसने प्रेमिका ने काफी देर तक बाते की. इस दौरान प्रेमिका मुबारक को पूना जाने से मना करने लगी. मुबारक ने बताया कि प्रेमिका कह रही थी कि उसकी आंख का ऑपरेशन होना है, इसी शादी हो जाने के बाद पूना जाना.जिस पर मुबारक ने प्रेमिका को रास्ते से हटाना ही ठीक समझा. जिस पर मुबारक ने प्रेमिका के दुपट्टे से उसका घोट कर जान से मार दिया. इसी के बाद जब दम घुटने से प्रेमिका की गर्दन फूल गई तो उसे घसीट कर कुंए के पास ले गया और पास में बने खंभे पर चढ़कर अपनी पेंट की जेब से ब्लेड निकाल कर दुपट्टे को काट दिया. इसके बाद शव को झटके से कुएं में गिरा दिया. वहीं, प्रेमिका के मरने के बाद उसका की पैड मोबाइल अपने पास रख लिया. मुबारक ने बताया कि वह सोच रहा था कि इस मोबाइक को अब मैं इस्तेमाल करुंगा. वहीं, प्रेमिका जो सामान और बर्तन आदि अपने साथ लेकर आई थी, ये सब सामान शहीद बाबा की मजार के पास फेंक दिया था.