बिहार चुनाव से पहले जदयू में भूचाल! 4 पूर्व विधायक समेत 11 नेताओं को बाहर का रास्ता, नीतीश ने दिखाई सख्ती
पार्टी विरोधी गतिविधियों पर गिरी गाज, चुनावी माहौल में जदयू का बड़ा एक्शन
पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) ने संगठन में सख्ती का बड़ा संदेश दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए चार पूर्व विधायकों सहित 11 नेताओं को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
पार्टी नेतृत्व ने यह कार्रवाई ऐसे समय में की है जब प्रदेश में चुनावी हलचल तेज है और सभी दल अपने-अपने पाले मजबूत करने में जुटे हैं। जदयू का यह कदम न केवल अनुशासन लागू करने का संदेश देता है बल्कि अंदरूनी बगावत को थामने की कोशिश भी माना जा रहा है।
बार-बार चेतावनी के बाद हुई कार्रवाई
जदयू प्रदेश अध्यक्ष की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि जिन नेताओं को निष्कासित किया गया, वे लगातार पार्टी की नीतियों और नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। उन्हें कई बार समझाने और चेतावनी देने के बावजूद रवैये में सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद कार्रवाई अनिवार्य हो गई।
नीतीश का कड़ा संदेश
पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जानकारी में लेकर लिया गया है। नीतीश ने स्पष्ट किया है कि “जदयू एक अनुशासित दल है और कोई भी व्यक्ति यदि पार्टी लाइन से हटकर काम करेगा, तो उसके लिए जगह नहीं होगी।”
विपक्ष पर भी नजर
राजनीतिक गलियारों में यह कार्रवाई चर्चा का विषय बन गई है। विपक्षी दलों ने इसे जदयू के भीतर असंतोष का परिणाम बताया है, जबकि जदयू नेताओं का कहना है कि यह संगठन को शुद्ध और मजबूत करने की प्रक्रिया है।
एक वरिष्ठ जदयू नेता ने कहा, “हमारा लक्ष्य साफ है— बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से मजबूत सरकार बनाना। इसके लिए पार्टी के अंदर अनुशासन सबसे जरूरी है।”
चुनावी रणनीति के संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जदयू का यह कदम चुनावी रणनीति से जुड़ा है। पार्टी नहीं चाहती कि असंतुष्ट नेता चुनाव के दौरान नुकसान पहुंचाएं। यह फैसला कार्यकर्ताओं को संदेश देता है कि नेतृत्व के खिलाफ जाने की कीमत चुकानी पड़ेगी।

