भक्तों की रक्षा और पापियों के विनाश के लिए भगवान लेते हैं अवतार: पं.हरिचयन शांडिल्य
भक्तों की रक्षा और पापियों के विनाश के लिए भगवान लेते हैं अवतार: पं.हरिचयन शांडिल्य
भागवत कथा के पांचवें दिन बकासुर वध व पूतना वध का मार्मिक चित्रण
रिपोर्ट-मोहम्मद अरसद
शाहगंज। विकासखंड क्षेत्र सुइथाकला अंतर्गत सुइथाकला गांव में यजमान रामचंद्र लाल श्रीवास्तव के घर चल रही भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक पं. हरिचयन शांडिल्य जी महाराज ने बकासुर वध व पूतना वध का अत्यंत सजीव और मार्मिक चित्रण किया।भागवत कथा के पांचवें दिन पूतना वध और बकासुर वध का संक्षेप में सारांश स्पष्ट करते हुए कहा कि भगवान भक्तों की रक्षा और पापियों के विनाश के लिए इस धरती पर अवतार लेते हैं। ईश्वर इस धरती पर जब अवतरित होता है तो इसके पीछे संपूर्ण मानव जाति और सृष्टि का कल्याण निहित होता है। उन्होंने आगे कथा का जिक्र करते हुए कहा कि कंस ने पूतना नाम की राक्षसी को बाल कृष्ण का वध करने के लिए भेजा किंतु भगवान अंतर्यामी होते हैं वह पूतना के उद्देश्य को समझ गए। विषैला दूध को पीते हुए उन्होंने अपने दोनों हाथों से कुच धाम करके उसके प्राण समेत दुग्धपान करने लगे । अंततः वह अपने असली रूप में जमीन पर गिर गई जिसकी जानकारी गोकुल वासियों को हुई। उन्होंने कहा की भागवत कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। ईश्वर की भक्ति करके मानव को उसके परमधाम की प्राप्ति होती है। भक्ति के बिना मनुष्य का जीवन व्यर्थ है।
मुख्य आयोजक एवं शिक्षक विनय श्रीवास्तव ने दूर-दूर से आए हुए आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि डॉ.उमेश चंद्र तिवारी गुरुजी,दुष्यंत मिश्रा, डॉ .रणंजय सिंह, ग्राम प्रधान अनिल दुबे, लक्ष्मीकांत यादव, सुरेश मौर्य, अमरीश पांडेय, अश्वनी दुबे, अमन श्रीवास्तव ,राणा प्रताप श्रीवास्तव ,आशुतोष दुबे, सचिन श्रीवास्तव ,दुर्गेश, शीतला दुबे, ब्रह्मदेव दुबे ,रागिनी श्रीवास्तव, पल्लवी श्रीवास्तव, अवनीश सिंह, राम कृपाल वर्मा आदि उपस्थित रहे।