भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में नए दौर की दस्तक — EV, हाइब्रिड और SUV सेगमेंट में जबरदस्त उछाल
नई दिल्ली। भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री 2025 में अपने स्वर्णिम दौर में प्रवेश करती दिखाई दे रही है। पैसेंजर वाहनों की बढ़ती बिक्री, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की तेज़ रफ्तार, कंपनियों के नए निवेश और सरकारी नीतियों ने इस सेक्टर को रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। वाहन निर्माता कंपनियों से लेकर डीलरों तक, सभी सेक्टर इस समय तेजी से बदलती बाज़ार मांग का सामना कर रहे हैं।
ऑटो सेक्टर में रिकॉर्ड बिक्री, SUV बना भारतीयों की पहली पसंद
त्योहारी सीजन से लेकर नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत तक, भारतीय ऑटो बाज़ार में बिक्री में जबरदस्त उछाल देखने को मिला।
- पैसेंजर वाहनों की कुल बिक्री में SUV सेगमेंट सबसे आगे है।
- लगभग सभी प्रमुख कंपनियों — मारुति सुजुकी, टाटा, महिंद्रा, होंडा और ह्युंडई — में मजबूत ग्रोथ दर्ज की गई।
- ग्रामीण बाज़ारों में भी दोपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ी है, जिससे सेमी-अर्बन इलाकों में मांग स्थिर बनी हुई है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर में तेज़ी — 2030 तक बड़ा लक्ष्य
भारत में EV की मांग लगातार बढ़ रही है।
- टाटा मोटर्स ने नई EV लाइनअप के साथ अपनी बाजार हिस्सेदारी मजबूत की है।
- मारुति सुजुकी की EV-SUV लॉन्च तैयारी के अंतिम चरण में है।
- महिंद्रा की ‘बॉर्न इलेक्ट्रिक सीरीज’ और ह्युंडई की नई EV रणनीति भी भारतीय बाजार को नया दिशा दे रही है।
सरकार की तरफ से FAME-II, बैटरी सब्सिडी, चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क और “ग्रीन मोबिलिटी मिशन” जैसी योजनाओं ने EV सेक्टर को और मजबूत किया है।
हाइब्रिड वाहनों की मांग में तेजी
पेट्रोल और डीजल की ऊँची कीमतों के बीच हाइब्रिड वाहनों की बिक्री में तेजी आयी है।
- टॉयोटा हाईराइडर व इनोवा हाइक्रॉस
- मारुति ग्रैंड विटारा
- होंडा सिटी हाइब्रिड
इन मॉडलों ने उपभोक्ताओं को बेहतर माइलेज और कम फ्यूल कॉस्ट के कारण आकर्षित किया है।
ऑटो सेक्टर में निवेश का नया दौर
अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत को भविष्य के ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देखना शुरू कर दिया है।
- कई बड़ी कंपनियों ने EV बैटरी प्लांट लगाने की घोषणाएँ की हैं।
- इलेक्टिक स्कूटर कंपनियाँ बड़े पैमाने पर उत्पादन बढ़ा रही हैं।
- सरकार “मेक इन इंडिया” के तहत ऑटो पार्ट्स, बैटरियों और ग्रीन टेक्नोलॉजी में निवेश प्रोत्साहित कर रही है।
दोपहिया वाहन बाजार में सुधार
पिछले कुछ महीनों में दोपहिया बाजार, जो पिछले दो वर्षों से कमजोर था, अब तेजी से रिकवरी कर रहा है।
- होंडा एक्टिवा, TVS जूपिटर और बजाज पल्सर की बिक्री बढ़ी है।
- इलेक्ट्रिक स्कूटर जैसे Ola, Ather, TVS iQube ने बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है।
व्यावसायिक वाहन (Commercial Vehicles) भी रफ्तार पकड़ रहे
हाईवे निर्माण, माल परिवहन और लॉजिस्टिक सेक्टर के विस्तार के कारण
- ट्रक,
- पिकअप,
- लाइट कमर्शियल व्हीकल
की मांग बढ़ी है। यह इंडस्ट्री में सुधार का प्रमुख संकेत है।
चुनौतियाँ अभी भी मौजूद
तेजी के बावजूद ऑटो उद्योग पूरी तरह समस्याओं से मुक्त नहीं है।
- कच्चे माल की कीमतों में अस्थिरता
- EV बैटरी की सीमित उत्पादन क्षमता
- चार्जिंग नेटवर्क का धीमा विस्तार
- ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित क्रय शक्ति
ये चुनौतियाँ आगे बाजार की गति को प्रभावित कर सकती हैं।
भविष्य: 2025 भारत की ऑटो इंडस्ट्री का परिवर्तनकाल
ऑटो विशेषज्ञों के अनुसार,
- आने वाले महीनों में EV और हाइब्रिड वाहनों की बिक्री और बढ़ेगी।
- SUV सेगमेंट अपनी पकड़ और मजबूत करेगा।
- भारत 2030 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार बनने की राह पर है।
ऑटो सेक्टर की यह तेजी न केवल भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही है, बल्कि रोजगार और टेक्नोलॉजी इनोवेशन में भी बड़ा योगदान कर रही है।


