भोपाल में तलाकशुदा लोग अपने तलाक का जश्न मनाना चाहते थे. इसी लिए विवाह विच्छेद कार्यक्रम रखा गया था.

भोपाल: में होने वाला एक कार्यक्रम आयोजन से पहले ही विवाद में आ गया. ये किसी की बुराई-भलाई या साम्प्रदायिक भेदभाव का कार्यक्रम नहीं था. यहां जश्न मनाया जाना था. लेकिन किसी की खुशी पर किसी को ऐतराज हो गया और फिर आनन फानन में कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. क्या है मामला ये जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

दरअसल भोपाल में तलाकशुदा लोग अपने तलाक का जश्न मनाना चाहते थे. इसी लिए विवाह विच्छेद कार्यक्रम रखा गया था. 18 सितंबर को बाकायदा इसके लिए पार्टी रखी गई थी. इस विवाह विच्छेद समारोह में करीब 200 लोग अपने तलाक का जश्न मनाने वाले थे. इसके कार्ड छपवाए गए थे.

लोगों को बुलाने के लिए कार्ड भी बांटे गए थे. कार्यक्रम का नाम था विवाह विच्छेद समारोह. इस कार्यक्रम का आयोजन भाई वेलफेयर सोसायटी ने किया था. भाई वेलफेयर सोसायटी की शुरुआत 2014 में हुई थी. संस्थान ने प्रताड़ित पुरुषों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.

विरोध के बाद कार्यक्रम निरस्त

जैसे ही इसकी भनक हिंदूवादी संगठनों को लगी कार्यक्रम का विरोध शुरू हो गया. संस्कृति बचाओ मंच ने इस तरह के कार्यक्रम को हिंदू सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ बताया. विरोध बढ़ता देख आयोजकों ने अपने कदम पीछे खींच लिए. कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया.

200 तलाकशुदा मनाने वाले थे जश्न

विवाह विच्छेद समारोह 18 सितंबर को होने वाला था. इसमें 200 ऐसे लोग शामिल होने वाले थे, जिन्होंने तलाक के लिए कभी संघर्ष किया था. समारोह में विवाह विच्छेद यानि तलाक की डिक्री मिलने वाली थी. रायसेन रोड के एक रिसोर्ट में ये समारोह होने वाला था. उसमें जयमाला विसर्जन, सद्बुद्धि शुद्धिकरण यज्ञ, बारात वापसी, पुरुष संगीत, मानव सम्मान में कार्य करने के लिए सात कदम और सात प्रतिज्ञा ली जातीं. यहां मुख्य अतिथि लोगों को विवाह विच्छेद की डिक्री भी देते. पति शादी की यादगार चीजों जैसे पगड़ी, जयमाला, फेरे की फोटो इन सभी का विसर्जन करते.

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