महात्मा गांधी के जीवन का सार( बायोग्राफी ऑफ़ महात्मा गाँधी)

 महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है. उन्हें बापू कहकर भी बुलाया जाता है. उन्हें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का राजनितिक और अध्यात्मिक नेता माना जाता है. उनहोने हमेशा अहिंसा के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया. देश को आजाद कराने में उनकी बहुत महतवपूर्ण भूमिका है. आइये इस लेख के माध्यम से महात्मा गांधी जी के बारे में अध्ययन करते हैं.
Gandhi Jayanti 2022 :  यह दिन प्रार्थना सेवाओं, स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है. 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है. यह आधिकारिक रूप से घोषित राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है और इस वर्ष महात्मा गांधी की 153 वीं जयंती मनाई जाएगी.

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था इसलिए हर साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाई जाती है. 

महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी को नाथूराम गोडसे ने बिरला हाउस के प्रार्थना स्थल पर तीन गोलियां चलाकर की थी. इसलिए 30 जनवरी को शहीद दिवस या सर्वोदय दिवस हर साल महात्मा गांधीजी की याद में मनाया जाता है. 

नाम: मोहनदास करमचंद गांधी

जन्म: 2 अक्टूबर, 1869
जन्म स्थान: पोरबंद, गुजरात, भारत
मृत्यु: 30 जनवरी, 1948
मृत्यु स्थान: नई दिल्ली
पिता का नाम: करमचंद गांधी
माता का नाम: पुतलीबाई
पत्नी का नाम: कस्तूरबा गांधी
संतान: हरिलाल, मनिलाल, रामदास और देवदास
स्मारक: राजघाट, दिल्ली
योगदान: भारत की स्वतंत्रता, अहिंसक आंदोलन, सत्याग्रह

महात्मा गांधी ने अपने सत्याग्रह के माध्यम से ब्रिटिश शासन को खत्म करने और गरीबो का जीवन सुधारने के लिए सतत परिश्रम किया। उनकी सत्य और अंहिसा की विचारधारा को मार्टिन लूथर किंग तथा नेलसन मंडेला ने भी अपने संघर्ष के लिए ग्रहण किया। महात्मा गांधी ने अफ्रीका मे भी लगातार बीस वर्षो तक अन्याय और नस्लीय भेदभाव के खिलाफ अहिंसक रूप से संघर्ष किया। उनकी सादा जीवन पध्दति के कारण उन्हें भारत और विदेश में बहुत प्रसिध्दी मिली। वह बापू के नाम से प्रसिध्द थे। 

प्रारम्भिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गांधी है। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी व माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी का विवाह मात्र तेरह वर्ष की आयु में ही कस्तूरबा के साथ हो गया था। उनके चार बेटे हरीलाल, मनीलाल, रामदास व देवदास थे।

लंदन प्रस्थान

1888 में महात्मा गांधी कानून की शिक्षा प्राप्त करने के लिए लंदन गये।

दक्षिण अफ्रीका

मई 1893 मे वह वकील के तौर पर काम करने दक्षिण अफ्रीका गये। वंहा उन्होंने नस्लीय भेदभाव का पहली बार अनुभव किया। जब उन्हे टिकट होने के बाद भी ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर धकेल दिया गया क्योंकि यह केवल गोरे लोगों के लिए आरक्षित था। किसी भी भारतीय व अश्वेत का प्रथम श्रेणी मे यात्रा करना प्रतिबंधित था। इस घटना ने गांधी जी पर बहुत गहरा प्रभाव डाला और उन्होंने नस्लीय भेदभाव के विरूध संघर्ष करने की ठान ली। उन्होंने देखा कि भारतीयों के साथ यहां अफ्रीका में इस तरह की घटनाएं आम हैं। 22 मई 1894 को गांधी जी ने नाटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की और दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों के लिए कठिन परिश्रम किया। बहुत ही कम समय में गांधी जी अफ्रीका में भारतीय समुदाय के नेता बन गये।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका

1915 मे गांधी जी भारत लौट आये और अपने गुरू समान श्री गोपालकृष्ण गोखले के साथ इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गये। गांधी जी की पहली बड़ी उपलब्धि बिहार और गुजरात मे चंपारन व खेड़ा के आंदोलन थे। उन्होंने असहयोग आंदोलन,सविनय अवज्ञा आंदोलन,भारत छोड़ो आंदोलन का भी नेतृत्व किया था।

मृत्यु

नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या की थी। गोडसे एक हिंदू राष्ट्रवादी और हिंदू महासभा सदस्य था। उसने गांधी पर पाकिस्तान का पक्ष लेने का आरोप लगाया तथा वह गांधी के अंहिसावादी सिद्धांत का विरोधी था।

लेखन

गांधी जी एक विपुल लेखक थे। उनके द्वारा लिखी गयी कुछ पुस्तकें निम्न है-

• हिंद स्वराज , 1909 मे गुजराती में प्रकाशित हुई।
• उन्होंने हिंदी ,गुजराती और इंग्लिश के अनेक समाचार पत्रों का संपादन किया। जिनमें हिंदी व गुजराती मे हरिजन , इंग्लिश मे यंग इंडिया व गुजराती पत्रिका नवजीवन प्रमुख हैं।
• गांधी जी ने अपनी आत्मकथा ‘’सत्य के प्रयोग’’ भी लिखी।
• उनकी अन्य आत्मकथओं में दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह , हिंद स्वराज आदि प्रमुख हैं

पुरस्कार

• टाईम मेगज़ीन ने वर्ष 1930 में मैन ऑफ दी इयर चुना।
• 2011 मे टाईम मैगजीन ने गांधी जी को विश्व के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहे श्रैष्ठ पच्चीस राजनीतिक व्यक्तियों मे चुना।
• हालांकि उन्हे कभी नोबल पुरस्कार नहीं मिला लेकिन वह इसके लिए 1937 से लेकर 1948 तक पांच बार नामित किये गये।
• भारत सरकार प्रतिवर्ष सामाजिक कार्यकर्ताओं,विश्व नेताओं व नागरिकों को गांधी शांति पुरस्कार से नवाज़ती है। दक्षिण अफ्रीका मे रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले नेता नेल्सन मंडेला को इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। 

फिल्म

गांधी जी पर 1982 बनी फिल्म , जिसमे बेन किंग्सले ने गांधी का रोल किया है, ने ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर का पुरस्कार जीता।

सत्याग्रह

गांधी ने अपने अहिंसा के सिध्दांत को सत्याग्रह के रूप में पहचान दिलायी। गांधी जी के सत्याग्रह ने अनेक हस्तियों को प्रभावित किया। स्वतंत्रता,समानता और समाजिक न्याय अपने संघर्ष मे नेल्सन मंडेल व मार्टिन लूथर किंग गांधी जी से प्रभावित थे। सत्याग्रह सच्चे सिध्दांतो व अहिंसा पर आधारित है।

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