महाराष्ट्र में साजिश, बहराइच में मिले हथियार, लखनऊ में मर्डर, संजीव जीवा को मारने के लिए विजय को मिली थी मोटी रकम……
महाराष्ट्र में साजिश, बहराइच में मिले हथियार, लखनऊ में मर्डर,
संजीव जीवा को मारने के लिए विजय को मिली थी मोटी रकम……
मुख्तार अंसारी के खास शूटर संजीव जीवा की हत्या की साजिश महाराष्ट्र में रची गई थी. इसके लिए आरोपी विजय को मोटी रकम देने की बात कही गई थी. सूत्र बताते हैं कि विजय को कुछ रकम एडवांस में मिली थी.
शूटर विजय यादव ने लखनऊ कोर्ट में संजीव जीवा की हत्या की थी….
लखनऊ कोर्ट में हुए संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, संजीव जीवा की हत्या की साजिश महाराष्ट्र में रची गई थी. वहीं पर विजय यादव को हत्या के लिए मोटी रकम देने का वादा किया गया था, जिसमें से कुछ रकम एडवांस दी गई थी. पैसे मिलने के बाद विजय यादव महाराष्ट्र से पहले जौनपुर आया, फिर बहराइच गया. बहराइच में ही उसको हथियार दिया गया था और यहीं से विजय बस पकड़कर लखनऊ पहुंचा था.
बता दें कि संजीव जीवा को कोर्ट रूम में मारने वाला विजय यादव जौनपुर का रहने वाला है. वह मुंबई में नौकरी करता था. बीते महीने 11 मई को विजय एक समारोह में शामिल होने के लिए मुंबई से जौनपुर आया था. फिर यहां से बहराइच निकल गया. सूत्र बताते हैं कि यहीं पर विजय को अमेरिकन मैग्नम अल्फा रिवॉल्वर दी गई थी. अब एसआईटी टीम इसकी भी जांच करेगी कि जौनपुर और बहराइच में विजय की मुलाकात किससे-किससे हुई थी.
बहराइच से विजय को मिली थी अमेरिकन मैग्नम अल्फा रिवॉल्वर….
बुधवार को संजीव जीवा की दिनदहाड़े हत्या की गई थी, लेकिन शूटर विजय यादव बहराइच से रिवॉल्वर लेकर मंगलवार को ही लखनऊ आ गया था और इसकी न तो पुलिस को भनक लगी और न ही संजीव जीवा के गुर्गों को. उसने जौनपुर में अपने घरवालों से कहा था कि अब मुंबई नहीं जाना है. यहीं पर आसपास गही कुछ काम धंधा देखूंगा.
सूत्र तो यही भी बताते हैं कि विजय को लखनऊ के सेशन कोर्ट परिसर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, फिर भी वह वकील के भेष में वहां पहुंचा और आसानी से वारदात को अंजाम दिया. जैसे उसको पहले से लखनऊ कोर्ट का नक्शा दिखाया गया था कि कौन सी कोर्ट कहां लगती है, तभी तो उसने एससी-एसटी कोर्ट के बाहर आसानी से जीवा को निपटा दिया.
कोर्ट में विजय के साथ और भी शूटर थे मौजूद
बीते गुरुवार को जानकारी मिली थी कि जिस समय संजीव जीवा की कोर्ट में हत्या की गई थी. विजय यादव के साथ अन्य शूटर भी वहां मौजूद थे. अगर विजय संजीव जीवा को मारने में नाकाम होता तो ये शूटर वारदात को अंजाम तक पहुंचाते. जिस तरह संजीव जीवा को मारा गया, उससे साफ है कि मर्डर की प्लानिंग काफी समय से की जा रही थी, इंतजार था तो बस मौके का।