मुक्केबाजी विश्वकप में भारत का धमाका — दो स्वर्ण पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया
ग्रेटर नोएडा में आयोजित World Boxing Cup Finals 2025 में भारत के मुक्केबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय महिलापक्ष के लिए यह दिन यादगार रहा क्योंकि मीनाक्षी हुड्डा और प्रीति पंवार ने क्रमशः 48 किलोग्राम और 54 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीते।
मीनाक्षी हुड्डा का दमदार प्रदर्शन
- 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में मीनाक्षी ने उज़्बेकिस्तान की फोजिलोवा फरजोना को 5-0 की सर्वसम्मत न्यायाधीशों की निर्णय से हराया।
- जीत के बाद मीनाक्षी ने कहा कि शुरुआत में थोड़ा तनाव था, लेकिन बड़े दर्शक-समर्थन ने उन्हें आत्मविश्वास दिया और उन्होंने पूरे मैच में नियंत्रण बनाए रखा।
- मीनाक्षी के इस प्रदर्शन से भारत की शुरुआत स्वर्ण में हुई और उन्होंने टीम को पहली सफलता दिलाई।
प्रीति पंवार ने भी दिखाई कमाल की मुक्केबाज़ी
- 54 किग्रा वर्ग के फाइनल में, प्रीति ने इटली की सिरीन चाराबी को शानदार मुकाबले में 5-0 से मात दी और स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
- यह जीत न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारत की मेजबानी में हो रहे टूर्नामेंट में गोल्ड की बढ़ती झोली का प्रतीक भी बनी है।
- प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में उन्होंने अपनी लय हासिल कर ली है और भविष्य में और भी ऊंचे लक्ष्य – जैसे 2028 लॉस एंजेल्स ओलिंपिक – को लेकर उत्साहित हैं।
भारत की महिला मुक्केबाज़ों की बायोनिक झोली
- इस दिन सिर्फ मीनाक्षी और प्रीति ही नहीं — अरुंधति चौधरी (70 किग्रा) और नूपुर श्योरन (80+ किग्रा) ने भी स्वर्ण पदक जीता।
- इस तरह, भारत ने World Boxing Cup Finals में कम-से-कम चार स्वर्ण पदक हासिल किए हैं, जो भारतीय मुक्केबाज़ी की बढ़ती ताकत का संकेत है।
महत्व और आगे का रास्ता
- यह जीत भारत के लिए एक बड़ा हौसला है, खासकर महिला मुक्केबाज़ी में।
- होम ग्राउंड (ग्रेटर नोएडा) पर दर्शकों का समर्थन, खिलाड़ियों को अतिरिक्त मोटिवेशन देने में अहम भूमिका निभाया।
- अब भारतीय टीम के अन्य मुक्केबाज़ों की निगाहें आगे के मुकाबलों और अंतरराष्ट्रीय खिताबों पर टिकी होंगी।


