मैं तुमसे ही तो हूँ तुम्हारा वज़ूद हर तरफ है मेरी जिंदगी में…

मैं तुमसे ही तो हूँ
तुम्हारा वज़ूद हर तरफ
है मेरी जिंदगी में…
तुम भले मेरी मांग के
सिंदूर में नही हों
लेकिन माथे कि हर बिंदिया
का वजूद तुमसे है
मेरे बिछुए तुम्हारे नेग नहीं
पर पायल की हर झंकार तुमसे है
बेशक मंगलसूत्र की
धागे तुमने नही बांधे
पर सप्तशदी की हर कसम
हर वादे निभाए हैं तुमने
सबको पता है मेरा
नाम कही और जुड़ा है
पर दिल का हर बंधन तुमसे ही है
मेरी तक़दीर तुम नही
तुम्हारा ख्वाब हम नहीं
तुम कही और के मुसाफ़िर
हम कही और के बाशिंदे
पर मेरी हर एक धडकन में तुम हो
मेरी हर इक सांस तुमसे है
तुम हो तो मैं हूँ
मैं तुमसे ही तो हूँ….
लेखक:- रुद्र त्रिपाठी
सम्पर्क सूत्र:- 9453789608