राजनीतिक जानकारों की माने तो सपा पिछड़ा वर्ग की दूसरी .जातियों को भी अपने पाले में लाने की कोशिशों में जुटी है.

समाजवादी पार्टी से विधान परिषद स्वामी प्रसाद मौर्य की पार्टी में जिम्मेदारी बढ़ा सकती है. बताया जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का कद सपा की राजनीति में अभी और बढ़ेगा. इस दौरान पार्टी उन्हें कई अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है. इससे पहले विधानसभा चुनाव में अपनी सीट हारने के बाद सपा ने उन्हें एमएलसी का टिकट देकर विधान परिषद (MLC) भेंजा था. वहीं अब एक और बड़ी खबर सामने आई है.

राजनीतिक जानकारों की माने तो सपा पिछड़ा वर्ग की दूसरी जातियों को भी अपने पाले में लाने की कोशिशों में जुटी है. सपा स्वामी प्रसाद मौर्य को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है. पार्टी उनका चेहरा आगे करके इस रणनीति पर काम करेगी. हालांकि ये अभी तय नहीं हो सकता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी में और क्या-क्या जिम्मेदारी मिलने वाली है.

  वजह से हो रही है चर्चा

दरअसल, ये पूरी चर्चा की शुरूआत सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के फैसले से हुई है. धर्मेंद्र यादव ने बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य के खिलाफ याचिका को वापस ले लिया है. ये याचिका उन्होंने बीजेपी सांसद के निर्वाचन को चुनौती देते हुए दाखिल की थी. इस याचिका को वापस लेने लिए सपा नेता ने कोर्ट में हलफनामा भी दाखिल किया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि संघमित्रा मौर्य सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं.

इस हलफनामे में उन्होंने कहा है कि बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में इस याचिका को जारी रखने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है. वहीं जानकारों की माने तो स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में जाने के बाद संघमित्रा की स्थिति बीजेपी में कुछ कमजोर हुई है. यहां सबसे खास बात ये है कि धर्मेंद्र यादव समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं. 2019 में संघमित्रा मौर्य ने धर्मेंद्र यादव को बदायूं से लोकसभा का चुनाव हराया था.

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Breaking News

Translate »
error: Content is protected !!
Coronavirus Update