18 वर्षों बाद ग्राम घाघरपुर में टूटी सड़क का निर्माण शुरू — अरविंद मिश्रा के अथक प्रयास से ग्रामीणों में खुशी की लहर
जौनपुर।
रामपुर विकास खंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम घाघरपुर में पिछले 18 वर्षों से जर्जर पड़ी खड़ंजे (ईंटों की सड़क) के पुनर्निर्माण कार्य की शुरुआत हो गई है। लंबे समय से सड़क की बदहाल स्थिति से परेशान ग्रामीणों के लिए यह खबर बड़ी राहत लेकर आई है। इस कार्य के पीछे गाँव के ही सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद मिश्रा के अथक प्रयास, जनसेवा भावना और संघर्ष की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम घाघरपुर की यह मुख्य सड़क करीब 18 वर्षों से टूट-फूट की हालत में थी, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। बरसात के मौसम में सड़क कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो जाती थी, जिससे छात्रों, किसानों और आम नागरिकों को विशेष परेशानी उठानी पड़ती थी।
ग्रामीणों ने कई बार पंचायत और प्रशासन से मरम्मत की गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अरविंद मिश्रा ने स्वयं आगे आकर इस मुद्दे को मजबूती से उठाया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक तंत्र तक बार-बार अपनी बात पहुंचाई। इस संघर्ष के दौरान उन्हें कई चुनौतियों, विरोध और यहां तक कि धमकियों व थाने के चक्कर तक का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
अंततः उनकी लगन और निरंतर प्रयासों से प्रशासन ने सड़क निर्माण कार्य को स्वीकृति दी और अब खड़ंजे बिछाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। निर्माण कार्य शुरू होते ही गाँव में खुशी और उत्साह की लहर दौड़ गई है।

निर्माण कार्य की शुरुआत से पूर्व अरविंद मिश्रा की धर्मपत्नी ने विधिवत पूजन-अर्चन किया और ग्रामीणों में प्रसाद वितरित कर इस ऐतिहासिक पल को साझा किया। गाँव के लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी और मिश्रा परिवार के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।
ग्रामीणों ने कहा कि “अरविंद मिश्रा जी ने गाँव के विकास के लिए जो पहल की है, वह काबिले-तारीफ है। उनके समर्पण और जुझारूपन से आज हमें एक बड़ी सुविधा मिलने जा रही है।”
खड़ंजा निर्माण पूरा होने के बाद ग्रामीणों को अब बेहतर आवागमन की सुविधा मिलेगी, साथ ही गाँव की सौंदर्य और स्वच्छता में भी सुधार होगा। यह कार्य न केवल विकास की दिशा में एक कदम है, बल्कि सामाजिक एकजुटता और जनसक्रियता का भी प्रतीक बन गया है।


