शरीर में यूरिक एसिड का लेवल कम या ज्यादा होने पर इस तरह पड़ता है प्रभाव, जानिये कंट्रोल करने के घरेलू उपाय

इन चीजों से  दूरी  बनाकर रहना चाहिए 

यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे लोगों को दही, हरी बीन्स और बैंगन  कटहल आदि से दूरी बना लेनी चाहिए। क्योंकि, दही में ट्रांस फैट की उच्च मात्रा  बहोत जादा होती है | जो मरीजों के लिए नुकसानदायक साबित होती है। वहीं, बीन्स और बैंगन में प्यूरी होती है 

भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, इससे मरीजों को दर्द और सूजन आदि बिमारीय  की समस्या हो सकती है।

जब शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ जाती है तो इससे हाई यूरिक एसिड का खतरा बढ़ जाता है। बॉडी के सेल्स और खाद्य पदार्थों से शरीर में प्यूरीन नामक तत्व बनता है। प्यूरीन के ब्रेकडाउन से खून में यूरिक एसिड का उत्पादन होता है। यूं तो यूरिक एसिड किडनी के जरिए फिल्टर होकर बॉडी से बाहर निकल जाता है। लेकिन शरीर में जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो किडनी इसे फिल्टर नहीं कर पाती। ये बहोत हनी करक है | 

जिसके कारण यूरिक एसिड क्रिस्टल्स के रूप में हड्डियों के बीच इक्ट्ठा होने लगता है। इससे जोड़ों में दर्द, सूजन और उठने-बैठने में तकलीफ की समस्या बढ़ जाती है। बता दें, हाई यूरिक एसिड का कारण हमेशा स्पष्ट नहीं होता। हालांकि, अनुवांशिकता और पर्यावरण इसके बढ़ने या घटने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

यूरिक एसिड का स्तर:

महिलाओं और पुरुषों में यूरिक एसिड का सामान्य स्तर 2.5-7.0 mg 1.5-6.0 mg  के बीच होता है। अगर बॉडी में यह मात्रा 2.5 mg -1.5 mg से कम हो जाए तो यह यूरिक एसिड का निम्न स्तर माना जाता है। 

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