श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी है – सुशीला नंदन महाराज
श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी है – सुशीला नंदन महाराज
रिपोर्ट-विक्की कुमार गुप्ता
मुंगराबादशाहपुर–श्रीमद् भागवत कथा पुराण में सभी ग्रन्थों का सार है और यही एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमें भगवान की सभी लीलाओं का वर्णन किया गया है।
यह बाते हम सभी जानते हैं और हर कथाओं में सुनने को भी मिलती है मगर कथा श्रवण के बाद उस पर अमल करने से ही पुण्य प्राप्त होता है। उक्त बातें सोमवार को श्रीमद्भागवत कथा का महात्म बताते हुए दूसरे दिन की कथा में सुशीला नंदन महाराज ने कही।
बताते चलें कि मुंगराबादशाहपुर नगर के जंघई रोड स्थित श्री नागाबाबा कुटी पर सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा चल रहा है जिसमें दूसरे दिन श्रीधाम वृंदावन से आए सुशीला नंदन महाराज ने भक्तों को कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा पुराण में सभी ग्रन्थों का सार है और यही एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमें भगवान की सभी लीलाओं का वर्णन किया गया है।
यह बाते हम सभी जानते हैं और हर कथाओं में सुनने को भी मिलती है मगर कथा श्रवण के बाद उस पर अमल करने से ही पुण्य प्राप्त होता है।
श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी है तथा आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है। भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है, इसलिए अपने पितरों की शांति के लिए इसे हर किसी को आयोजित कराना चाहिए।
इसके अलावा रोग-शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए इसका आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर मन्दिर पुजारी महात्यागी बाबा बालकदास महाराज सहित नगर व ग्रामीण क्षेत्रों के भक्तजन सहित आयोजक मौजूद रहे।