श्री काशी विश्वनाथ को 51 किलो की रुद्राक्ष माला चढ़ाने से पहले हंगामा, मैदागिन पर रोके गए ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ता
वाराणसी। ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ता मंगलवार की सुबह श्री काशी विश्वनाथ व भगवान नंदी को 51 किलो की रुद्राक्ष की माला चढ़ाने के लिए जा रहे थे, जिन्हें सुरक्षा कारणों के चलते मैदागिन पर पुलिस प्रशासन ने रोक दिया। इससे गुस्साए कार्यकर्ताओं ने मैदागिन पर ही बैठकर हनुमान चालिसा का पाठ शुरु कर दिया। कार्यकर्ताओं और पुलिस में काफी देर तक मंदिर जाने को लेकर बहस होती रही। अंत में पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रुद्राक्ष की माला चढ़ाने की अनुमति दे दी।
ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ता राजा आनंद ज्योति सिंह ने बताया कि आज उनका जन्मदिन है इसलिए उन्होंने बाबा को चढ़ाने के लिए 51 किलो का रुद्राक्ष का माला बनवाया था। मंदिर जाते वक्त पुलिस प्रशास ने उन्हें रोक दिया। आरोप लगाया कि प्रशासन सहयोग करने के बजाय हम लोगों को मंदिर परिसर में जाने से रोकने लगी। जबकि हमलोगों ने साफ बताया था कि हम काशी विश्वनाथ धाम जा रहे न कि ज्ञानवापी परिसर।
काफी देर तक चली पंचायत और बहस के बाद कार्यकर्ता मैदागिन पर ही प्रतिकात्मक पूजा करने की बात करने लगे और बैठकर हनुमान चालिसा का पाठ करने लगे। मामला बढ़ता देख तीन थानों की पुलिस मौके पर बुला ली गई। अंत में पुलिस प्रशासन ने उच्चाधिकारियों से बात करे के बाद कुछ शर्तों पर कार्यकर्ताओं को रुद्राक्ष की माला चढाने और दर्शन की अनुमति दे दी। सभी कार्यकर्ता भी पुलिस कमिश्नर व मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को धन्यवाद कर काशी विश्वनाथ को माला चढाने के लिए चले गए।