सचिन पायलट ने साधा निशाना बोले : इस सरकार में आमदनी तो दोगुनी नहीं हुई, दर्द सौ गुना बढ़ गया।

चुनावी हलचल – कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट बुधवार को वाराणसी पहुंचे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा केंद्र में ऐसी सरकार है जिसने चंद उद्योगपतियों के लाखों-करोड़ों रुपए माफ कर दिए, लेकिन किसानों का दुख-दर्द दूर करने का रत्ती भर प्रयास भी नहीं किया। भाजपा के वायदे के अनुसार किसी की आमदनी दोगुनी तो नहीं हुई लेकिन दर्द सौ गुना जरूर बढ़ गया।

बुधवार को अंधरापुल स्थित होटल में प्रेसवार्ता के दौरान सचिन पायलट ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव न केवल इस राज्य के लिए बल्कि पूरे देश की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हम उत्तर प्रदेश में भले ही लंबे समय से सरकार में नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी सड़क पर लगातार जनता की आवाज बनकर संघर्ष कर रही है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टियां चाहें वह सपा हो या बसपा हो, जनता के दर्द को लेकर सड़क पर कभी कोई नहीं दिखा। हम प्रदेश की जनता के लिए एक बेहतर विकल्प बन कर उभरे हैं। उत्तर प्रदेश में जहां कही भी अन्याय हुआ वहां हमारी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा सबसे पहले जनता के साथ खड़ी दिखीं।

पायलट ने कहा कि यह तय मान कर चलें कि उत्तर प्रदेश से अब भाजपा का जाना तय है। उत्तर प्रदेश के बाद भाजपा देश के प्रत्येक राज्य में चुनाव हारेगी और 2024 में उसकी केंद्र से भी विदाई तय है।

पूर्व डिप्टी सीएम ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्हाेंने पांच साल तक किसी की पीड़ा नहीं सुनी और किसी भी वर्ग को कोई राहत नहीं दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सिर्फ हिंदू-मुसलमान और मंदिर-मस्जिद की बात करते हैं। उन्होंने बीते पांच साल में सिर्फ विज्ञापन छपवाने का काम किया है।

पिछले पांच साल से भाजपा की सरकार प्रदेश में है और वह दावा करते हैं कि डबल इंजन की सरकार है। दुर्भाग्य की बात यह है कि केंद्र में सात साल से ज्यादा समय और यूपी में पांच साल की सरकार के बाद भी जनता से किए हुए अपने किसी वायदे को भाजपा पूरा नहीं कर पाई है। समाज का हर तबका जिसने भाजपा पर विश्वास किया, वह तरह से छला महसूस कर रहा है।

सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा के लोगों ने तो किसानों को दबाने के चक्कर में उनको कुचलने से भी गुरेज नहीं किया, अब वह किस मुंह से उनसे वोट मांगेंगे। देश में किसान पर कर्ज कई गुना बढ़ चुका है और उनकी आय घटती चली गई। किसानों पर सिर्फ अत्याचार हुआ है। पांच उपचुनाव हारने के बाद भाजपा ने अपने तीन काले कृषि कानून वापस लिया।

जिन किसानों को भाजपा के लोगों ने अलगाववादी कहा और उनको हटाने के लिए काफी प्रयास किया लेकिन अन्नदाता अपनी मांगों पर अड़ा रहा। अंत में केंद्र की भाजपा सरकार को उन्हीं किसानों की बात माननी पड़ी।

अभी भी हमें यह आशंका है कि चुनाव खत्म होने के बाद भाजपा सरकार पिछले दरवाजे से अपने काले कृषि कानूनों को लाने का प्रयास करेगी। योगी और मोदी की सरकार ने किसानों को सिर्फ अपमानित किया है। किसानों के दुख-दर्द का केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने बिल्कुल ध्यान नहीं रखा।

सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा मुद्दों की बात या राजनीति नहीं करती है, जब-जब चुनाव आते हैं विवादित मसले उनकी चर्चा का केंद्र होते हैं। जबसे केंद्र में भाजपा की सरकार आई है, उन्होंने सार्वजनिक संपत्तियों को सिर्फ चंद लोगों के हाथों में बेचने का काम किया है। इन्हें नौजवान, किसान, रोजगार, चिकित्सा, शिक्षा और महिलाओं से कोई मतलब नहीं है।

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