“सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, नैतिक शिक्षा भी ज़रूरी: राजेश दुबे | मेधावी छात्रों का भव्य सम्मान समारोह संपन्न”

“सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, नैतिक शिक्षा भी ज़रूरी: राजेश दुबे | मेधावी छात्रों का भव्य सम्मान समारोह संपन्न”

 रिपोर्ट – विक्की गुप्ता | 📍स्थान – मुंगराबादशाहपुर, जौनपुर | 🌐 Hind24tv

सम्मान समारोह में छाया प्रेरणा का उत्सव, समाज के हर वर्ग से मिली सराहना

मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर), रविवार:
स्थानीय पिनाका स्पेक्ट्रम शिक्षा संस्थान सभागार में आज एक प्रेरणास्पद और गरिमामय माहौल देखने को मिला, जब जिले के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में उत्कृष्टता के साथ-साथ नैतिक और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा का प्रचार-प्रसार था।

मुख्य वक्ता: नैतिक शिक्षा को दी प्राथमिकता

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश वित्त विभाग के विशेष सचिव श्री राजेश कुमार दुबे ने कहा:

आज के समय में बच्चों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित रखना पर्याप्त नहीं है। यदि हम उन्हें नैतिकता, अनुशासन और संस्कार नहीं सिखाएंगे, तो वे अच्छे नागरिक नहीं बन पाएंगे। शिक्षा का असली उद्देश्य एक जिम्मेदार और संवेदनशील समाज की रचना करना है।

उनकी बातों को सभागार में मौजूद अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों ने पूरे मनोयोग से सुना और सराहा।

भव्य शुभारंभ और गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। इस मौके पर उपस्थित अतिथियों में शामिल थे:

  • अजीत पाण्डेय (संस्थापक)
  • डॉ. शेखर ए. पाण्डेय (डायरेक्टर)
  • अर्चना शुक्ला (भाजपा नेता)
  • डॉ. आर.पी. सिंह
  • आलोक गुप्ता पिंटू
  • इंजीनियर उमाशंकर गुप्ता
  • प्रोफेसर डॉ. आर.पी. सिंह
  • समर बहादुर सिंह
  • राजन सिंह
  • प्रमोद दुबे
  • अनुपम पाण्डेय

सभी अतिथियों ने एकमत होकर नैतिक शिक्षा को मुख्यधारा में लाने की जरूरत पर बल दिया।

अर्चना शुक्ला: बेटियों की शिक्षा से बनेगा सक्षम राष्ट्र

भाजपा नेत्री अर्चना शुक्ला ने कहा:

जब बेटियाँ शिक्षित होंगी तो वे सिर्फ अपने परिवार को नहीं, बल्कि पूरे समाज को संवारेंगी। हमें बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना चाहिए।

शिक्षा, संस्कार और सफलता का त्रिकोण

आलोक गुप्ता पिंटू ने छात्रों को मेहनत और समर्पण का पाठ पढ़ाते हुए कहा:

जो विद्यार्थी सच्चे मन से शिक्षा ग्रहण करते हैं, वे जीवन में हर क्षेत्र में सफल होते हैं और अपने माता-पिता व समाज का नाम रोशन करते हैं।

इंजीनियर उमाशंकर गुप्ता ने कहा:

संस्कार ही मनुष्य को श्रेष्ठ बनाते हैं और शिक्षा से ही संस्कार आते हैं। इसलिए शिक्षा जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आधार है।

राजन सिंह, समर बहादुर सिंह और अनुपम पाण्डेय ने भी अपने उद्बोधन में शिक्षा को राष्ट्र सशक्तिकरण का मूल बताया।

सम्मानित मेधावी छात्र-छात्राएं:

इन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र एवं शील्ड देकर सम्मानित किया गया:

  • ऋषि यादव
  • अभिषेक यादव
  • हर्षित मिश्रा
  • लकी तिवारी
  • आनंद गुप्ता
  • मानसी यादव
  • सपना शुक्ला
  • आयुष सोनी
  • एस.एस. नील
  • एस.पी. दक्ष

इन सभी छात्रों को संस्था के डायरेक्टर डॉ. शेखर आनंद पांडेयअनुपम पांडेय द्वारा मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन

  • अध्यक्षता: संस्थापक अजीत पांडेय ने की
  • संचालन: अमन जयसवाल और संदीप दुबे ने सराहनीय ढंग से कार्यक्रम का मंच संचालन किया

समापन संदेश: शिक्षा + संस्कार = समृद्ध राष्ट्र

यह आयोजन सिर्फ एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश था कि बिना नैतिक शिक्षा के ज्ञान अधूरा है
इस कार्यक्रम ने यह सिद्ध किया कि नई पीढ़ी को सिर्फ अकादमिक रूप से नहीं, बल्कि संस्कारों से भी समृद्ध बनाना होगा

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