स्मार्ट फ़ोन कि लत से बच्चो को दूर रखने के 7 रामबाण उपाय
फ़ोन की लत किसी के लिए भी हानिकारक है. फिर चाहे वो बच्चे हों या फिर बड़े. एक तरफ जहां स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों के बर्ताव में बदलाव आता है. वहीं दूसरी ओर कपल्स के बीच के रिश्ते को भी खराब कर सकता है. नींद में कमी, व्यक्तिगत रिश्तों में समय की कमी इत्यादि कई कारण हैं जो इस दिक्कत को जन्म देते हैं. अगर स्मार्टफोन को स्मार्टली इस्तेमाल नहीं किया गया तो कई तरह की बेवकूफियों को जन्म दे सकता है.
तो अब सवाल ये उठता है कि अगर प्रोफेशनल या पर्सनल कारणों से फोन से दूरी बनाना संभव न हो तो क्या किया जाए? आखिर इस लत से छुटकारा कैसे मिले? चलिए इसके लिए आपको बताते हैं 7 रामबाण उपाय. इन्हें इस्तेमाल करके न सिर्फ फोन का सही इस्तेमाल कर पाएंगे बल्कि वर्चुअल लाइफ के बजाए रियल लाइफ को भी एंजॉय कर पाएंगे.
1- नो फोन ज़ोन बनाएं:
फोन को अपने बेडरुम में चार्ज करना बंद करें. क्योंकि ये एक ऐसी जगह है जहां आप खुद को रिचार्ज करते हैं. और सबसे जरुरी बात सेक्स भी यहीं करते हैं.
इसके साथ ही किचन को भी नो फोन ज़ोन में शामिल करें. खासकर उन अभिभावकों को ये जरुर करना चाहिए जो अपने बच्चों को फोन की लत से दूर रखना चाहते हैं. पैरेन्ट्स अपने बच्चों पर कड़ाई करके उन्हें खाने की टेबल पर सिर्फ फैमिली तक सीमित करें.
2- नो फोन टाइम भी तय करें:
जैसे घर में फोन कहां कहां इस्तेमाल किए जाएंगे ये तय कर दिया, ठीक वैसे ही फोन का इस्तेमाल कब कब और कितने समय तक किया जाएगा ये भी तय कर दें.
जैसे ही आप ऑफिस से घर वापस आने के बाद पूरा परिवार इकट्ठा होते ही फोन को दूर कर दें. ऑफिस से खत्म करके आने के बाद फोन की कोई ऐसी जरुरत होती भी नहीं. और अगर इतना ही जरुरी होगा तो लोग आपको फोन कर ही लेंगे. एक बार ऐसा करके देखिए. नींद भी सही आने लगेगी. शादीशुदा जिंदगी में भी सूकुन दिखेगा. घर और ऑफिस के बीच का बैलेंस भी बना रहेगा. मतलब ये कि जीवन में थोड़ी शांति तो आ ही जाएगी.
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फोन की लत से छुटकारा पाना इतना भी आसान नहीं
3- सोशल मीडिया की सफाई जरुर करें:
समय समय पर सोशल मीडिया से दूरी बनाना रिश्तों के साथ साथ सेहत के लिए भी लाभदायक होता है. हालांकि इसके लिए कोई कायदा नहीं है लेकिन फिर भी आप शुरुआत एक हफ्ते के लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाकर कर सकते हैं. इस दौरान आपको ये भी पता चल जाएगा कि सोशल मीडिया की लत ने आपको कितनी बुरी तरह जकड़ रखा है और इससे छुटकारा पाने में आपको कितनी दिक्कत होगी.
शुरुआत में आप सोशल मीडिया के अपने दोस्तों को इस बात की जानकारी दे दें. उसके बाद इसे नियमित तौर पर प्रैक्टिस करें और धीरे धीरे इस समयांतराल को बढ़ाएं.
4- नोटिफिकेशन को बंद कर दें:
बच्चों के अलावा शायद ही ऐसा कोई हो जिसके बकवास, बचकाने बातों को बर्दाश्त कर लेते हैं. नोटिफिकेशन वैसे ही लोगों का वर्चुअल वर्जन है. तो ऐसे लोगों को टाटा बाय बाय करने में हिचकिए मत. नोटिफिकेशन लोगों की हृदय गति को बढ़ा देते हैं, चिंता बढ़ा देते हैं. क्योंकि आपका ध्यान इसी में अटका रहता है कि आखिर मैसेज में क्या लिखा होगा. और अगर तुरंत वो देख नहीं पाए तो बेचैनी होने लगती है. ये लत ही है.
5- अपनी दिक्कतों के हल के लिए एप का सहारा न लें:
स्मार्टफोन की तादाद बढ़ने के साथ ही एप्स की बाढ़ भी आ गई है. रोज नए एप लॉन्च होते रहते हैं. थोड़े समय के लिए एप लाभदायक हो सकते हैं पर लंबे समय में ये किसी काम की नहीं. फोन की मुसीबत से बचने के लिए फोन का ही सहारा लेना एक मूर्खता है.
6- दोस्त बनाने की कोशिश करें:
बच्चों के होने के बाद लोगों को दोस्त बनाने में दिक्कत होती है. क्योंकि समय की कमी रहती है. लेकिन घर के बाहर भी कुछ दोस्त होने चाहिए. और अगर घर के बाहर आपके संगी साथी नहीं हैं तो फिर दिक्कत है. पैरेंटिंग कभी कभी बहुत फ्रस्ट्रेट करने वाला और अकेला कर देने वाला होता है. ऐसे में फोन को ही अपना साथी बना लेते हैं.
ये सही है कि दोस्तों से बात करने और मिलने का प्लान बनाने के लिए फोन की जरुरत होती है. लेकिन ये फोन का सही इस्तेमाल है. प्लान बनाइए, दोस्तों से अपना संबंध बनाकर रखें और उसके बाद फोन को किनारे कर दीजिए.
7- अपने परिवार के लिए समय निकालें:
अपने निजी परेशानियों के लिए बच्चों को जिम्मेदार मानना गलत है. लेकिन स्मार्टफोन का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल से बचने में बच्चे फायदेमंद होते हैं. ये एक बड़ा ही सिंपल सा उपाय है. जब भी आपको अपने फोन का इस्तेमाल करने की जरुरत महसूस हो तो अपने बच्चों या पार्टनर के पास चले जाएं. उनके साथ बैठें. बातें करें.