युवक ने दहेज़ मिल रही कार और रूपये को ठुकराया , दम्पत्ति ने ली शपथ
HIND 24 TV :- जौनपुर से शैलेश कुमार की रिपोर्ट….
जौनपुर। सामाजिक परिवर्तन व्यक्तिगत स्तर से ही संभव है। कोई भी बदलाव तभी संभव है जब आप स्वयं उदाहरण पेश करेंगे । ऐसा ही उदाहरण पेश किया है सिरकोनी विकासखंड के खलीलपुर गांव के विमल कुमार यादव और बैरीपुर गांव की प्रियंका ने।
विमल यादव बलिया डिग्री कालेज में राजनीति विज्ञान विषय से असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और प्रियंका जौनपुर में प्राथमिक स्कूल में सहायक अध्यापिका है । बीते 25 नवम्बर को दोनों की शादी सम्पन्न हुआ। विमल ने अपने विवाह संस्कार को एक अनूठे ढंग से सम्पन्न करवाया। विमल ने सदियों से प्रचलित दहेज प्रथा तथा आडम्बरपूर्ण विवाह की कड़ी को तोड़ते हुए एक नया संदेश देने की कोशिश की है। इनका मानना है कि आज हम स्वयं को आधुनिक मानते हैं लेकिन दहेज जैसी कुप्रथा आज भी हमारे समाज में व्याप्त है।
विमल ने तिलक के नाम पर वसूली जा रही मोटी रकम की आलोचना करते हुए एक भी रुपया या कार लेने से मना कर दिया। जबकि लड़की के परिवार वाले अपनी ख़ुशी से एक कार और दहेज़ के नाम पर मोटी रकम देने को तैयार थे। विमल कहते हैं कि आचरण के स्तर पर हम सिर्फ साक्षर हो पाए हैं शिक्षित नहीं। शिक्षा से सामाजिक बदलाव होता है लेकिन हम दहेज जैसी घृणित और अन्य कुप्रथाओं से आज भी घिरे हुए हैं।
विमल का मानना है कि हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाए गए आंदोलनों से सीख लेने की जरूरत है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उन्होंने एक महत्वपूर्ण पहल की। उन्होंने अपनी ग्राम पंचायत के पंचायत भवन पर पौधरोपण कर कहा कि प्रत्येक नव दंपत्ति को नव जीवन की शुरुआत एक पौधा लगाकर करना चाहिए। विमल और प्रियंका ने संविधान की शपथ ले कर एक दूसरे को पति-पत्नी के रूप में स्वीकार किया। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक राकेश कुमार यादव ने शपथ दिलाया। इनका मानना है संवैधानिक मूल्यों के जरिए ही भारतीय समाज को आडम्बरविहीन और समतामूलक बनाया जा सकता है। विवाह में परिवारीजन , मित्र तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।