विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह अत्यन्त गरिमामय होता है। का समावर्तन है, जो 16 संस्कारों में अति महत्वपूर्ण है। ब्रह्मचर्याश्रम से गृहस्थाश्रम में प्रवेश का मार्ग भी दीक्षान्स ही है।
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणशी
प्राध्य विद्या के सिद्धपीठ के रूप में सम्पूर्ण विश्व में स्थापि विश्वविद्यालय, वाराणसी अपने गौरवशाली परम्पराओं को दूरी पर अग्रसर है। सन् 1791 में संस्कृत पाठशाला या कालेज के रूप में संस्था 22 मार्च 1958 से वाराणसेव संस्कृत विश्वविद्यालय एवं 1023 से श विश्वविद्यालय के रूप में अनेक सोपानों को पार करते हुये सम्पति अपनी स्थापना के उद की पूर्ति में अग्रसर है। वर्तमान में इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हमारे संस्कृत महाविद्याल उत्तर प्रदेश सहित देश के अनेक राज्यों तथा नई दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्ड, तेह एवं प्रदेश आदि में संचालित है।
विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह अत्यन्त गरिमामय होता है। का समावर्तन है, जो 16 संस्कारों में अति महत्वपूर्ण है। ब्रह्मचर्याश्रम से गृहस्थाश्रम में प्रवेश का मार्ग भी दीक्षान्स ही है।
इस वर्ष विश्वविद्यालय का 39वो दीक्षान्त महोत्सव 03 जनवरी 2022 को विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक मुख्य भवन में पूर्वाहण 11.00 बजे मनाया जा रहा है. ज कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश के राज्यपाल महामहिम श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी करेंगी।
समारोह के मुख्य अतिथि समारोह के मुख्यातिथि देश की प्रसिद्ध लोक गायिका एवं लोकगीत, लोक संगीत एवं लोक साहित्य का संरक्षण कर विश्व फलक पर पहचान कराने वाली पद्मश्री श्रीमती मालिनी अवस्थी जी होगी। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कन्नौज में 11 1967 को हुआ था। आपके पिताजी 40 श्री प्रमथनाथ अवस्थी जी थे आप भाव विश्वविद्यालय, लखनऊ से हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में स्नातकोत्तर के उपाधि प्राप्त कर बनारस घराना के पद्मविभूषण विदुषी गिरजादेवी की शिष्या है आपका विवाह गरिष्ठ आई एस. अधिकारी श्री अवनीश अवस्थी जी से हुई है, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव गृह-गोपन, कारागार धार्मिक मामले और सूचना सहित अन्य विभाग का दायि निर्वहन कर रहे है।
आप अवधी, बुन्देखडी और भोजपुरी जैसे हिन्दी भाषा बोलियों में गाती है। इसके साथ-साथ ठुमरी व कजरी में भी आप की प्रस्तुति होती है पदमश्री श्रीमती अवस्थी जी लोकप्रिय शास्त्रीय संगीत समारोह-जहाँ ए खुसरों में एक नियमित कलाकार है, वे तुमरी पारे रहो बाँके श्याम के प्रस्तुति के लिये काफी लोकप्रिय है। आप अखिल भारतीय रेडियों की एक लोकप्रिय ए ग्रेड की कलाकार है। संगीत के क्षेत्र में आपने अमेरिका, इंग्लैण्ड फीजी मारिशस और हालैंड देश की यात्रा की है। 2012 के लिये यू.पी. चुनाव में चुनाव आयोग ने आपको ब्राण्ड अम्बेसडर नियुक्त किया था आपने कई फिल्मों में भी अपनी आवाज से लोकप्रियता प्राप्त की है।
सम्मान
पुरस्कार पद्मश्री 2016, सहारा अवध सम्मान-2003, यश भारती यू०पी०
सरकार-2006, नारी गौरव-2000, कालीदास सम्मान-2014 में प्राप्त किये है।
दीक्षान्त समारोह में पद्मश्री मालिनी अवस्थी जी को वाचस्पति (डी०लिट) की मानद उपाधि-इस दीक्षान्त समारोह में साहित्य संगीत की संरक्षिका एवं सापक पदमश्री श्रीमती मालिनी अवस्थी जी को वाचस्पति (डी०लिट) की मानद उपाधि भी प्रदान किया जायेगा।
रोहित सेठ