होम लोन: ब्याज दरें, टैक्स लाभ, लोन के लिए शर्तें और होम लोन कैसे अप्लाई करें
होम लोन कई प्रकार के होते हैं, और तरह के होम लोन को लेने की शर्तें भी अलग-अलग होती हैं। इस तरह ही होम लोन पर लागू ब्याज दरें भी कई तरह की होती हैं, और सभी के अपने फायदे और नुकसान हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगें कि होम लोन क्या है (Home Loan kya Hai), होम लोन कैसे ले सकते हैं (Home Loan Kaise Milega), और कम इंटरेस्ट रेट पर लोन कैसे मिलेगा (Home Loan on Low Interest rates) और बैंक क्यों किसी की होम लोन एप्लीकेशन को स्वीकार और अस्वीकार करते हैं।
लगभग सभी बैंक और कई हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (एचएफसी) घर/ फ्लैट/ जमीन खरीदने के लिए होम लोन प्रदान करती हैं। वर्तमान मे 6.40% प्रति वर्ष से शुरू होती है। आवेदक के क्रेडिट स्कोर, मासिक आय, लोन राशि, लोन टू वैल्यू (LTV) रेश्यो, जॉब प्रोफ़ाइल, नियोक्ता/ कंपनी की प्रोफ़ाइल आदि के आधार पर 30 वर्षों तक की अवधि के लिए होम लोन प्रदान किया जाता है।
आवेदक की क्रेडिट प्रोफाइल और बैंक/ लोन संस्थानों द्वारा निर्धारित एलटीवी रेश्यो के आधार पर लोन राशि होम प्रॉपर्टी वैल्यू की 75% से 90% तक होती है।हम आपको टॉप बैंकों और HFC द्वारा दी जाने वाली होम लोन की ब्याज दरों और अन्य सुविधाओं की तुलना कर सकते हैं, और अपने लिए सबसे बेहतर चुन सकते हैं। पैसाबाज़ार पर लोन की पूरी प्रक्रिया डिजिटल है और आप घर बैठे लोन ले सकते हैं।
होम लोन के प्रकार
बैंक/ लोन संस्थान अलग- अलग उद्देश्यों के लिए होम लोन प्रदान करते हैं। इसलिए किसी भी प्रकार के होम लोन के लिए आवेदन करने से पहले, ये पता लगायें कि आपको अपनी किस ज़रूरत के लिए लोन चाहिए। उपलब्ध होम लोन के कुछ प्रकार निम्नलिखित हैं:
- होम परचेज लोन: यह रेडी-टू-मूव-इन प्रॉपर्टी, अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी और प्री-ओन्ड होम/रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लिया जाने वाला सबसे आम होम लोन है। आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक, बैंक/ लोन संस्थान प्रॉपर्टी वैल्यू के 75-90% तक जितनी होम लोन राशि ऑफर कर सकते हैं।
- कंपोज़िट लोन: यह उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो या तो निवेश के लिए या फिर घर बनाने के लिए प्लॉट खरीदना चाहते हैं। इस प्रकार के होम लोन में, प्लॉट खरीदने के लिए लोन राशि की पहली किस्त ट्रांसफर की जाती है। फिर जैसे-जैसे घर बनकर तैयार होता रहता है वैसे-वैसे लोन की राशि आपको मिलती रहती है।
- होम कंस्ट्र्क्शन लोन: इस प्रकार का होम लोन उन व्यक्तियों के लिए है जिन्हें घर के निर्माण के लिए पैसे चाहिए होते हैं। यह लोन तभी दिया जाता है जब आपके पास पहले से ही ज़मीन होती है और उस पर घर बनाना चाहते हैं। कंपोज़िट लोन की तरह इसके तहत भी घर निर्माण के चरणों के मुताबिक होम लोन राशि ट्रांसफर की जाती है।
- होम रेनोवेशन/ इंप्रूवमेंट लोन: मौज़ूदा घर के रेनोवेशन और मरम्मत संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए ये लोन लिया जा सकता है। इस लोन की ब्याज दर रेगुलर होम लोन के समान ही होती है। हालांकि, इसकी लोन अवधि रेगुलर होम लोन की तुलना में कम होती है।
- होम एक्सटेंशन लोन: यह उन लोगों के लिए है जिन्हें अपने घर में अतिरिक्त जगह जोड़ने के लिए पैसों की ज़रूरत होती है। इस प्रकार के लोन के तहत, बैंक/ लोन संस्थान आमतौर पर लोन राशि और एलटीवी रेश्यो के आधार पर, जितनी राशि में घर का निर्माण कार्य पूरा होगा, उसका 75-90% उधार देते हैं।
- ब्रिज लोन: यह होम लोन कम अवधि के लिए प्रदान किया जाता है। यह उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो मौज़ूदा घर को बेचना चाहते हैं और उससे प्राप्त राशि से नया घर खरीदना चाहते हैं। बेचने और खरीदने के बीच राशि में जो अंतर होता है उसके लिए आप ब्रिज लोन ले सकते हैं।
- इंटरेस्ट सेवर लोन: यह होम लोन ओवरड्राफ्ट सुविधा के समान है। इसमें उधारकर्ता का होम लोन अकाउंट उसके बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है। बैंक अकाउंट में ईएमआई राशि से अधिक जमा की गई किसी भी राशि का उपयोग लोन की प्रीपेमेंट के रूप में किया जाता है। इस प्रकार, ब्याज राशि पर भी बचत होती है।
- स्टेप अप लोन: इसके तहत उधारकर्ता लोन अवधि के शुरुआती सालों में कम ईएमआई का भुगतान करते हैं। हालांकि, समय के साथ ईएमआई राशि बढ़ती जाती है। यह उन युवा प्रोफेशनल के लिए लोन को किफायती बनाता है जिन्होंने हाल ही में अपना करियर शुरू किया है।
Home Loan: फीस और शुल्क
होम लोन आवेदक (Home Loan Applicant) लोन लेते समय केवल ब्याज दरों पर ध्यान देते हैं और अन्य फीस व शुल्क को नजरअंदाज़ करते हैं, जबकि ये शुल्क लोन की लागत को काफी प्रभावित कर सकते हैं और इसलिए ऑफ़र पर निर्णय लेते समय इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। नीचे कुछ फीस व शुल्क की जानकारी दी गई है जो आपके होम लोन पर लागू हो सकती हैं।
- एप्लीकेशन फीस को बैंक/ लोन संस्थान वेरिफिकेशन संबंधी सभी प्रारंभिक खर्चों को कवर करने के लिए वसूलते हैं।
- प्रोसेसिंग फीस क्रेडिट मूल्यांकन पर किए गए खर्च को पूरा करने के लिए वसूली जाती है। ये लोन लेने वाले व्यक्तियों की क्रेडिट प्रोफाइल, आय और होम लोन योजना (Home Loan Schemes) पर निर्भर करती है। हालांकि, सभी बैंक/ लोन संस्थान प्रोसेसिंग फीस नहीं लेते हैं।
- एडमिनिस्ट्रेटिव फीस – यह उन बैंक/ लोन संस्थानों द्वारा वसूली जाती है जो प्रोसेसिंग फीस को एक साथ न लेकर दो हिस्सों में लेते हैं। लोन आवेदन की मंज़ूरी के बाद जो फीस ली जाती है, वह एडमिनिस्ट्रेटिव फीस होती है। सिटीबैंक उन बैंक/ लोन संस्थानों में शामिल है जो यह फीस वसूलता है।
- फोरक्लोज़र/ प्रीपेमेंट फीस तब लागू होती है जब कोई उधारकर्ता लोन अवधि खत्म होने से पहले या तो पूरी लोन राशि का या उसके कुछ हिस्से का भुगतान करता है। इससे पहले, बैंक/ लोन संस्थान सभी प्रकार के होम लोन पर प्रीपेमेंट पेनल्टी और फोरक्लोज़र शुल्क लेते थे। लेकिन आरबीआई ने बैंक/ लोन संस्थानों पर फ्लोटिंग रेट होम लोन पर प्रीपेमेंट पेनल्टी लेने पर रोक लगा दी थी। जहां तक फिक्स्ड-रेट होम लोन का सवाल है, कुछ बैंक/ लोन संस्थान ये शुल्क वसूलते हैं।
- भुगतान प्रकार को बदलने पर लगने वाला शुल्क: यह शुल्क तब लगाया जाता है जब लोन लेने वाले व्यक्ति लोन अवधि के दौरान, अपने मौज़ूदा भुगतान के तरीके को बदलने का निवेदन करते हैं। यह शुल्क आमतौर पर 500 रु. तक होता है। यह विभिन्न बैंक/ लोन संस्थानों में अलग-अलग होता है।
- ब्याज दर को कम करने या बदलने पर शुल्क: यह शुल्क तब लगाया जाता है जब आप अपने बैंक/ लोन संस्थान से अपनी मौजूदा ब्याज दरों को बदलने या कम करने का अनुरोध करते हैं। अलग- अलग बैंकों और लोन संस्थानों में यह फीस अलग-अलग होती है और आमतौर पर बकाया मूल राशि की 2% तक होती है।
- CERSAI शुल्क: CERSAI (सेंट्रल रजिस्ट्री ऑफ सिक्योरिटाइज़ेशन एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट) भारत की सेंट्रल ऑनलाइन सिक्योरिटी इंटरेस्ट रजिस्ट्री है। बैंक/ लोन संस्थान CERSAI की वेबसाइट पर जाकर गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी को चेक करते हैं कि किसी अन्य बैंक द्वारा प्रॉपर्टी पर क्लेम तो नहीं किया गया है। इस प्रक्रिया के लिए बैंक एक मामूली फीस का भुगतान करते हैं, जिसे वे बाद में उधारकर्ता से वसूलते हैं।
- EMI पर अतिरिक्त शुल्क: जब लोन लेने वाला व्यक्ति EMI का भुगतान नहीं कर पाता है या EMI का भुगतान देरी से करता है, तो बकाया EMI पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता है। इसलिए आवेदकों को समय पर EMI का भुगतान करना चाहिए।
- EMI बाउंस फीस: जब आप अपने बैंक अकाउंट में अपर्याप्त धनराशि के कारण समय पर लोन भुगतान करने में विफल रहते हैं तो EMI बाउंस फीस वसूली जाती है। बाउंस होने पर बैंक आमतौर पर 500 रु. फीस लेते है। यह फीस विभिन्न बैंकों में अलग-अलग होती है।
- लीगल फीस: यह फीस सामान्य तौर पर प्रोसेसिंग फीस में शामिल होती है। लेकिन जब कुछ बैंक/ लोन संस्थान उधारकर्ताओं के कानूनी दस्तावेजों की जांच के लिए लीगल फर्म की मदद लेते हैं तो इसे अलग से वसूला जाता है।
- फ्रैंकिंग फीस: इसे आमतौर पर स्टांप फीस के नाम से भी जाता है। जब भी कोई संपत्ति खरीदी या बेची जाती है, तो राज्य सरकार एक टैक्स लेती है। यह राशि हर राज्य में अलग- अलग होती है, और राज्य के कानूनों और प्रॉपर्टी किस प्रकार की है, इस पर निर्भर करती है।
Home Loan: योग्यता शर्तें
शर्तें बैंक/ लोन संस्थान और लोन योजनाओं के मुताबिक अलग- अलग होती हैं। हालाँकि, कुछ सामान्य होम लोन योग्यता शर्तें निम्नलिखित हैं:
- राष्ट्रीयता: आवेदक भारतीय निवासी, अनिवासी भारतीय (NRI) और भारतीय मूल का व्यक्ति (PIO) होना चाहिए
- क्रेडिट स्कोर: 750 या उससे अधिक
- आयु सीमा: 18 – 70 वर्ष
- कार्य अनुभव: कम से कम 2 वर्ष (नौकरीपेशा के लिए)
- बिज़नेस कितना पुराना है: कम से कम 3 वर्ष (गैर- नौकरीपेशा के लिए)
- न्यूनतम सैलरी: कम से कम 25,000 रुपये प्रति माह (ये हर बैंक/ लोन संस्थानों में अलग- अलग होती है)
- लोन राशि: प्रॉपर्टी वैल्यू की 90% तक
इनके अलावा, होम लोन की योग्यता शर्तें इस पर भी निर्भर करती हैं कि आप किस प्रकार की प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं और कहाँ खरीद रहे हैं।
होम लोन के लिए ज़रूरी दस्तावेज़
- पहचान प्रमाण: पैन कार्ड आधार कार्ड पासपोर्ट,मतदाता पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस (किसी एक की फोटोकॉपी)
- आयु प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, 10 वीं कक्षा की मार्कशीट, बैंक पासबुक और ड्राइविंग लाइसेंस (किसी एक की कॉपी)
- निवास का प्रमाण: बैंक पासबुक, वोटर आईडी, राशन कार्ड, पासपोर्ट, यूटिलिटी बिल (टेलीफोन बिल, बिजली बिल, पानी का बिल, गैस बिल) और LIC पॉलिसी रिसीट (किसी एक की कॉपी)
- आय प्रमाण (नौकरीपेशा के लिए): फॉर्म 16 की कॉपी, हाल ही की सेलरी स्लिप, पिछले 3 वर्षों के और इंवेस्टमेंट प्रूफ (यदि कोई हो)
- आय प्रमाण (गैर- नौकरीपेशा के लिए): पिछले 3 वर्षों का इनकम टैक्स रिटर्न, बैलेंस शीट और कंपनी/ फर्म के प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट स्टेटमेंट, बिज़नेस लाइसेंस की जानकारी और बिज़नेस के पते का प्रमाण
- प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज़: सोसायटी / बिल्डर से NOC, घर के निर्माण में होने वाले खर्च का विस्तृत अनुमान, रजिस्टर्ड सेल एग्रीमेंट, अलॉटमेंट लैटर और बिल्डिंग प्लान की मंज़ूरी की कॉपी
होम लोन के टैक्स लाभ
भारत सरकार, होम लोन लेने पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत टैक्स बेनिफिट (Tax Benefits of Home Loan) प्रदान करती है। होम लोन पर मिलने वाले टैक्स बेनिफिट से आप हर साल अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं। नीचे उन टैक्स लाभों की जानकारी दी गई है, जो आपको होम लोन EMI के भुगतान पर मिल सकते हैं:
पैसाबाज़ार पर होम लोन के लिए अप्लाई क्यों करें
- एक ही जगह कई ऑफर पाएं: पैसाबाज़ार ने 20 से ज़्यादा बैंकों/ लोन संस्थानों के साथ पार्टनरशिप की है ताकि आपको एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर आपको कई लोन ऑफर दिए जा सकें।
- तुलना करें और चुनें: पैसाबाज़ार पर मौजूद कई ऑफर में से तुलना करें और सबसे कम ब्याज दर और कम शुल्क वाला विकल्प चुनें। क्योंकि होम लोन (Home Loan) की राशि ज़्यादा होती है तो ब्याज दर में थोड़ा अंतर भी बड़ी बचत कर सकता है।
- प्री-अप्रूव्ड ऑफर्स: पैसाबाज़ार अपने सभी ग्राहकों, जो होम लोन का भुगतान कर रहे हैं, को प्री-अप्रूव्ड होम लोन ऑफर का विकल्प देता है।
- अंत तक साथ: पैसाबाज़ार के होम लोन एक्सपर्ट पूरी लोन प्रक्रिया के दौरान आपके संपर्क में रहते हैं, ताकि आपको किसी भी मुश्किल या समस्या का सामना ना करना पड़े।
पैसाबाज़ार पर होम लोन के लिए ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें
निम्निलिखित तरीके का पालन करके आप होम लोन के लिए Paisabazaar.com पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं:
- होम लोन आवेदन प्रक्रिया को शुरू करे
- आवश्यक जानकारी दर्ज करें और दिए गए नियमों और शर्तों से सहमत हों
- आगे बढ़ने के लिए अपनी व्यक्तिगत और होम लोन संबंधी जानकारी दर्ज करें
- कुछ योग्य लोन विकल्प दिखाई देंगे। होम लोन की तुलना करें व अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप लोन विकल्प के लिए आवेदन करें।
एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, ग्राहकों को आपको एक एकनॉलेजमेंट मैसेज और एक रेफरेंस नम्बर प्रदान किया जाता है जिसे आप अपने होम लोन एप्लिकेशन स्टेटस को ट्रैक करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। होम लोन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए ग्राहकों को पैसाबाज़ार के होम लोन विशेषज्ञों की ओर से भी कॉल भी की जाएगी।
संबंधित प्रश्न
प्रॉपर्टी के कुल मूल्य के बराबर होम लोन (Home Loan) मिल सकता है?
नहीं। होम लोन देते समय बैंक/ लोन संस्थान आमतौर पर 20% का मार्जिन रखते हैं। इसका मतलब यह है कि बैंक/ लोन संस्थान खरीदी जा रही प्रॉपर्टी की कीमत के 80% तक होम लोन देते हैं। बाकी की 20% राशि का इंतज़ाम आपको खुद करना होता है। कुछ मामलों में बैंक, प्रॉपर्टी के मूल्य का 90% तक लोन देने के लिए तैयार हो जाते हैं लेकिन ये कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे, आवेदक की भुगतान क्षमता, उम्र, क्रेडिट स्कोर, प्रॉपर्टी संबंधित जानकारी ( प्रॉपर्टी किस जगह पर है, कितनी पुरानी है, और मार्केट वैल्यू कितनी है)।
- नया घर/ प्लॉट खरीदने के लिए
- घर बनाने के लिए
- अपने घर के रेनोवेशन और मरम्मत के लिए
- अपने मौज़ूदा घर में अतिरिक्त कमरा/ हिस्सा जोड़ने के लिए।
होम लोन (Home Loan) लेने के लिए सबसे अच्छा बैंक कौनसा है?
भारत में होम लोन देने वाले सबसे लोकप्रिय बैंक हैं, HDFC बैंक, SBI, PNB, ICICI बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, ऐक्सिस बैंक और केनरा बैंक। हालांकि, आपके लिए सबसे अच्छा लोन ऑफर वही होगा जो आपकी ज़रूरतों को पूरा करे। इसलिए, होम लोन लेने से पहले अपनी ज़रूरतों का मूल्यांकन करें। साथ ही, होम लोन के ऑफर की तुलना करते वक्त हमेशा वो ऑफर ही ना चुनें जिसकी ब्याज दरें सबसे कम हैं, बल्कि प्रोसेसिंग फीस, भुगतान शर्तों और प्रीपेमेंट पॉलिसी आदि की भी तुलना करें।
होम लोन लेने के लिए कितना क्रेडिट स्कोर होना चाहिए?
बैंक व लोन संस्थान 750 या ज़्यादा क्रेडिट स्कोर वाले आवेदकों को होम लोन देना पसंद करते हैं। अधिक क्रेडिट स्कोर होने से आपको कम ब्याज दरों पर होम लोन मिल सकता है। हालांकि कई बैंक/ लोन संस्थान 750 से कम क्रेडिट स्कोर वालों को भी लोन प्रदान करते हैं लेकिन अधिक ब्याज दरों पर।
होम लोन में सह- आवेदक कौन बन सकता है? क्या मेरा दोस्त मेरे साथ सह- आवेदक बन सकता है
आपके परिवार का कोई सदस्य जैसे पिता, माँ, बहन- भाई आदि आपके साथ होम लोन में सह- आवेदक बन सकते हैं। इनके अलावा, आप अपने पति-पत्नी या बच्चों को भी सह- आवेदक बना सकते हैं। भारत में लागू नियमों के मुताबिक, आपका दोस्त होम लोन का सह- आवेदक नहीं बन सकता है क्योंकि उसका आपके साथ खून का रिश्ता नहीं है।
होम लोन (Home Loan) आवेदन में कितने सह- आवेदक हो सकते हैं
वर्तमान में, एक होम लोन आवेदन में मुख्य आवेदक के साथ 7 लोग सह- आवेदक बन सकते हैं। हालाँकि, वे सभी मुख्य आवेदक के रिश्तेदार या परिवार के सदस्य होने चाहिए।
होम लोन एप्लीकेशन नामंज़ूर होने का क्या कारण होते हैं’
होम लोन एप्लीकेशन नामंज़ूर होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- कम क्रेडिट स्कोर
- क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी
- हाल ही में अन्य बैंकों द्वारा लगातार लोन एप्लीकेशन को नामंज़ूर करना
- अस्थिर या कम इनकम
- उम्र
- प्रॉपर्टी की लोकेशन
होम लोन में प्री-पेमेंट फीस होती है
आरबीआई के नियमों के मुताबिक, बैंक फ्लोटिंग रेट पर दिए गए लोन पर प्री-पेमेंट फीस नहीं ले सकता है। हालाँकि, अगर लोन फिक्स्ड रेट पर दिया गया है तो प्री-पेमेंट फीस लागू हो सकती है।
LTV रेश्यो क्या है?
LTV रेश्यो यानी लोन टू वैल्यू रेश्यो उन कारकों में शामिल है, जिसके आधार पर बैंक/ लोन संस्थान होम लोन को मंज़ूरी देता है। इससे आपको पता चलता है कि कोलैटरल के रूप में गिरवी रखी प्रॉपर्टी की कीमत पर आपको अधिकतम कितना लोन मिल सकता है। इसलिए, अगर आप 1 करोड़ रु. तक की प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं और बैंक का LTV रेश्यो 75% है, तो आपको 75 लाख रु. का ही होम लोन मिलेगा।
बैंक LTV रेश्यो और अन्य कैलकुलेशन का उपयोग इसलिए करते हैं ताकि वे ये पता लगा सकें कि होम लोन जैसे सिक्योर्ड लोन आवेदन की मंज़ूरी में कितना ज़ोखिम होगा। इस रेश्यो के ज़रिए बैंक/ लोन संस्थान यह सुनिश्चित करता है कि वह प्रॉपर्टी की कीमत से अधिक लोन राशि न मंज़ूर करे। लोन टू वैल्यू रेश्यो जितना ज़्यादा होता है, बैंक/ लोन संस्थान के लिए जोखिम भी उतना ही ज़्यादा होता है। ये भी ध्यान रखें कि बैंक/ लोन संस्थान लोन राशि निर्धारित करते समय आवेदक के क्रेडिट स्कोर और भुगतान क्षमता पर भी विचार करते हैं। बैंक/ लोन संस्थान प्रॉपर्टी वैल्यू के आधार पर अधिकतम लोन राशि निर्धारित करने के लिए ही एलटीवी रेश्यो का उपयोग करते हैं।
लोन बैलेंस ट्रान्सफर (Home Loan Balance Transfer) क्या है
आप अपने मौज़ूदा होम लोन को कम ब्याज दर और बेहतर लोन शर्तों पर किसी अन्य बैंक में ट्रान्सफर कर सकते हैं। लगभग सभी बैंक/लोन संस्थान अपने ग्राहकों को ये सुविधा ऑफर करते हैं। अपने लोन की ईएमआई का नियमित रूप से भुगतान करने पर आप लोन ट्रांसफर फैसिलिटी का लाभ उठा सकते हैं। लेकिन होम लोन बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा का लाभ उठाने से पहले, कॉस्ट-बेनिफिट का विश्लेषण करें यानी कि ये पता कर लें कि बैलेंस ट्रान्सफर में लगने वाली फीस की लागत ब्याज पर हो रही बचत से तो ज़्यादा नहीं है। दो बैंक/ लोन संस्थानों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों, बकाया लोन राशि और बकाया अवधि के बीच अंतर को कैलकुलेट करें।
अगर बकाया लोन राशि कम है या लोन का भुगतान करने के लिए कुछ ही साल बाकी हैं या फिर ब्याज दर में अंतर आने से बचत बहुत कम हो रही है तो होम लोन बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प न चुनने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, प्रोसेसिंग फीस के बारे में पता करना न भूलें, जो कि नया बैंक/ लोन संस्थान बैलेंस ट्रांसफर के लिए चार्ज करेगा।