कहर बरपा रहीं गंगा वर्चस्व यमुना,गंगा बढ़ रही है
तटवर्ती मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस चुका
जानिए गंगा के कछारी क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। तटवर्ती मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। सैकड़ों घर चपेट में आ गए हैं। ‘गंगा मइया बढ़ रही हैं,..
गंगा के कछारी क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। तटवर्ती मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। सैकड़ों घर चपेट में आ गए हैं। ‘गंगा मइया बढ़ रही हैं, प्रयागराज में यह चर्चा हो रही है | चर्चा भले ही गंगा का जलस्तर बढ़ने की हो, लेकिन प्रयागराज में वर्चस्व तो यमुना का है।
साल प्रयागराज में आई बाढ़ में 90 फीसदी पानी यमुना का है। इसमें गंगा की हिस्सेदारी महज 10 फीसदी है, लेकिन इसके तटीय मोहल्लों में खलबली मची हुई है। जलस्तर बढ़ने के बाद प्रतिदिन औसत छह लाख क्यूसेक पानी प्रयागराज से आगे जा रहा है। इसमें सिर्फ 60-65 हजार क्यूसेक पानी गंगा का है। प्रयागराज में पहले भी आई बाढ़ में यमुना का वर्चस्व रहता था। तब बाढ़ में गंगा का हिस्सा 40 फीसदी तक होता था। इस बार स्थिति बदलाव है
विभाग से सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता नदी विशेषज्ञ उमेश शर्मा ने बताया कि यमुना का प्रवाह क्षेत्र गंगा की तुलना में कम है। यमुना में केन, बेतवा और चंबल नदियां मिलती हैं। तीनों नदियां पहाड़ी होने के कारण इनका प्रवाह तेज होता है। इन नदियों का पानी मिलने के बाद यमुना के तेज प्रवाह से गंगा में दबाव बनता है। इससे गंगा का पानी बैकफ्लो होने से फैलने लगता है। जलस्तर 84 मीटर से अधिक पहुंचते ही यमुना का प्रवाह श्रृंग्वेरपुरम तक दिखाई पड़ता है। बाढ़ के दौरान गंगा के प्रवाह क्षेत्र में संगम देखा जा सकता है।
जानिए बारिश के मौसम में भी सूखी रहने वाली ससुर खदेरी नदी भीपानी बहोत है। यमुना का पानी पहुंचने के बाद ससुर खदेरी नदी में बाढ़ जैसे हालात हैं। इसके किनारे गौसनगर और गड्ढा कॉलोनी में बाढ़ का पानी घुस चुका है। यमुना का जलस्तर और बढ़ने पर ससुर खदेरी नदी किनारे एक दर्जन से अधिक मोहल्ले बाढ़ की चपेट में होंगे। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता बृजेश सिंह ने भी बताया कि प्रयागराज में बढ़े जलस्तर में यमुना का प्रभाव भीअधिक है।