अगले 24 घंटों में धार समेत चार जिलों में भारी वर्षा के आसार, लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित

मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। भोपाल में लगातार 54 घंटे से जारी बारिश का दौर फिलहाल थम गया है। भारी बारिश के चलते सीहोर, विदिशा, रतलाम, उज्जैन, जबलपुर, नर्मदापुरम, झाबुआ, अलीराजपुर, मंदसौर, गुना, नीमच, शाजपुर में स्थिति खराब है। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे में धार, अलीराजपुर, झाबुआ और रतलाम में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। बीते 24 घंटों की बात करें तो प्रदेश के उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम एवं इंदौर संभाग के अधिकांश स्थानों पर, शहडोल, सागर, जबलपुर एवं ग्वालियर संभाग के जिलों के अनेक स्थानों पर तथा रीवा संभाग के कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की गई। बारिश के साथ ही तेज हवाएं भी चली।
विदिशा का बाढ़ग्रस्त क्षेत्र
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, भोपाल संभाग के जिलों के अनेक स्थानों बारिश और व्रजपात की चेतावनी दी है। जबकि चंबल, ग्वालियर, शहडोल, रीवा, जबलपुर, सागर संभाग के जिलों के कुछ स्थानों पर बारिश के आसार व्यक्त किए हैं। अगले 24 घंटों के दौरान मौसम विभाग ने प्रदेश के किसी भी जिले के लिए रेड अलर्ट जारी नहीं किया है। जिन जगहों पर बारिश के आसार व्यक्त किए गए हैं, वहां येलो अलर्ट जारी किया गया है।राजधानी की कई सड़कें बारिश रुकने के बाद भी जलमग्न हैं।
राजधानी की कई सड़कें बारिश रुकने के बाद भी जलमग्न हैं।
मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में फिर से तेज बारिश होने के आसार हैं। चक्रवाती बादलों का समूह वर्तमान में मध्यप्रदेश के सिर्फ पश्चिमी भाग में सक्रिय है, जो कि धीरे-धीरे राजस्थान और गुजरात की ओर जा रहा है। वहीं, पूर्व दिशा से बादलों के आने का प्रभाव शुरू हो गया है, जो ओडिसा, छत्तीसगढ़ के बाद मध्यप्रदेश को फिर बारिश से सराबोर करेंगे। एक चक्र उत्तर-पूर्व भारत से भी बादलों का निर्यात चायना की ओर कर रहा है, जिसके चलते पूर्वी राज्यों में भी बारिश हो रही है। जिसका असर बिहार, यूपी, झारखण्ड तक है।

मध्यप्रदेश में 1 जून से 23 अगस्त तक हुई बारिश की बात करें तो प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 30 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। पूर्वी मध्यप्रदेश में औसत से 11 फीसदी अधिक, जबकि पश्चिमी मध्यप्रदेश में औसत से 47 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है।

अगले 24 घंटों में धार समेत चार जिलों में भारी वर्षा के आसार, लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित-

विदिशा का बाढ़ग्रस्त क्षेत्र
मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। भोपाल में लगातार 54 घंटे से जारी बारिश का दौर फिलहाल थम गया है। भारी बारिश के चलते सीहोर, विदिशा, रतलाम, उज्जैन, जबलपुर, नर्मदापुरम, झाबुआ, अलीराजपुर, मंदसौर, गुना, नीमच, शाजपुर में स्थिति खराब है। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे में धार, अलीराजपुर, झाबुआ और रतलाम में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। बीते 24 घंटों की बात करें तो प्रदेश के उज्जैन, भोपाल, नर्मदापुरम एवं इंदौर संभाग के अधिकांश स्थानों पर, शहडोल, सागर, जबलपुर एवं ग्वालियर संभाग के जिलों के अनेक स्थानों पर तथा रीवा संभाग के कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की गई। बारिश के साथ ही तेज हवाएं भी चली।

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, भोपाल संभाग के जिलों के अनेक स्थानों बारिश और व्रजपात की चेतावनी दी है। जबकि चंबल, ग्वालियर, शहडोल, रीवा, जबलपुर, सागर संभाग के जिलों के कुछ स्थानों पर बारिश के आसार व्यक्त किए हैं। अगले 24 घंटों के दौरान मौसम विभाग ने प्रदेश के किसी भी जिले के लिए रेड अलर्ट जारी नहीं किया है। जिन जगहों पर बारिश के आसार व्यक्त किए गए हैं, वहां येलो अलर्ट जारी किया गया है।

राजधानी की कई सड़कें बारिश रुकने के बाद भी जलमग्न हैं।
मध्यप्रदेश में आगामी दिनों में फिर से तेज बारिश होने के आसार हैं। चक्रवाती बादलों का समूह वर्तमान में मध्यप्रदेश के सिर्फ पश्चिमी भाग में सक्रिय है, जो कि धीरे-धीरे राजस्थान और गुजरात की ओर जा रहा है। वहीं, पूर्व दिशा से बादलों के आने का प्रभाव शुरू हो गया है, जो ओडिसा, छत्तीसगढ़ के बाद मध्यप्रदेश को फिर बारिश से सराबोर करेंगे। एक चक्र उत्तर-पूर्व भारत से भी बादलों का निर्यात चायना की ओर कर रहा है, जिसके चलते पूर्वी राज्यों में भी बारिश हो रही है। जिसका असर बिहार, यूपी, झारखण्ड तक है।

मध्यप्रदेश में 1 जून से 23 अगस्त तक हुई बारिश की बात करें तो प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 30 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। पूर्वी मध्यप्रदेश में औसत से 11 फीसदी अधिक, जबकि पश्चिमी मध्यप्रदेश में औसत से 47 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है।

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बारिश के चलते राजधानी भोपाल में करीब 500 पेड़ धराशायी
राजधानी भोपाल में 1 जून से 23 अगस्त 2022 तक 120 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। 23 अगस्त तक प्रदेश में औसतन 721.1 एमएम बारिश होती है। अब तक 1588.5 एमएम बारिश हो चुकी है। सीहोर जिले में पिछले 24 घन्टे में जिले में करीब 6 इंच (140.1 एम एम) बारिश दर्ज की गई। सीहोर तहसील क्षेत्र में सबसे अधिक 9 इंच (230 एमएम) बारिश दर्ज हुई। जिले के श्यामपुर में 195.0, आष्टा में 108.0, जावर में 87.0, इछावर में 155.0, नसरुल्लागंज में 91.2, बुधनी में 156.0 एवं रेहटी में 98.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।

सीहोर जिले में एक जून से 23 अगस्त 2022 तक 1188.3 मिलीमीटर यानि करीब 48 इंच औसत वर्षा दर्ज की गई। जबकि बीते साल इसी अवधि में औसत वर्षा 668.7 मिलीमीटर बारिश हुई थी। जिले की सामान्य औसत वर्षा 1148.4 मिलीमीटर है। जानकारी के अनुसार एक जून से 23 अगस्त 2022 तक सीहोर में 1469.2 मिलीमीटर, श्यामपुर में 1473.0 आष्टा में 1171.2, जावर में 1004.0, इछावर में 1348.3, नसरूल्लागंज में 1170.1, बुधनी में 1411.0 और रेहटी में 1580.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।

भोपाल में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित
बीते 24 घंटों में दर्ज वर्षा के आंकड़े (मिमी में)
भोपाल 182.4, रायसेन 170.2, नर्मदापुरम 154.0, रतलाम 133.0, उज्जैन 120.0, गुना 69.6, धार 45.3, इंदौर 38.8, पचमढ़ी 36.0, खरगोन 12.4, सागर 11.4, दमोह 6.0, खंडवा 5.6, बैतूल 4.2, सतना 3.4, मंडला 1.2, जबलपुर 1.0, ग्वालियर 0.2, भोपाल सिटी 171.7, नरसिंहपुर 13.0, मलाजखंड 2.8, उमरिया 1.7, छिंदवाड़ा 1.2

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